जनहितैषी, लखनउ — 12 फरवरी। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर निजीकरण के विरोध मे आज प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर बिजली कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किए गए। संघर्ष समिति ने महाकुम्भ के चारों अमृत स्नान के दौरान श्रेष्ठतम बिजली व्यवस्था बनाए रखने हेतु प्रयागराज के बिजली कर्मियों को बधाई दी है। संघर्ष समिति ने कहा है कि सुधार और संघर्ष के मंत्र के साथ निजीकरण के विरोध में अभियान जारी रहेगा।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि संघर्ष समिति हमेशा से ही भी बिजली व्यवस्था में सुधार का पक्षधर रहा है। 05 अप्रैल 2018 और 06 अक्टूबर 2020 को तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकान्त शर्मा जी और वित्त मंत्री श्री सुरेश खन्ना जी तथा तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकान्त शर्मा जी के साथ हुए समझौते में स्पष्ट लिखा है कि बिजली कर्मियों को विश्वास में लेकर विद्युत वितरण की वर्तमान व्यवस्था में ही सुधार किया जाएगा और प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में बिजली कर्मचारियों को विश्वास में लिए बिना कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा।
संघर्ष समिति ने कहा कि प्रबन्धन ने आज तक बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं से सुधार कार्यक्रम पर कोई बात नहीं की और समझौते का खुला उल्लंघन कर निजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है।
किन्तु संघर्ष समिति ने यह निर्णय लिया है कि सीमित संसाधनों और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद बिजली कर्मी सुधार और संघर्ष के मंत्र के साथ निजीकरण के विरोध में संघर्ष कर रहे हैं तो वे सुधार के प्रति भी कृत संकल्प हैं। इस दृष्टि से संघर्ष समिति ने अपील की है कि बिजली कर्मी पूरा प्रयास कर मौजूदा वित्तीय वर्ष में अधिकतम राजस्व वसूली में लगे। साथ ही कार्यालय समय के उपरान्त या भोजन अवकाश में निजीकरण के विरोध में जोरदार विरोध प्रदर्शन जारी रखें। संघर्ष समिति सुधार और संघर्ष के अपने मंत्र के साथ यह अभियान लगातार जारी रखेगी।
संघर्ष समिति ने महाकुम्भ के दौरान चारों अमृत स्नान और पूरे माघ माह में श्रेष्ठतम बिजली व्यवस्था बनाए रखने हेतु प्रयागराज के बिजली कर्मियों को बधाई दी है और कहा है कि महाकुम्भ के बाद प्रयागराज में निजीकरण के विरोध में होने वाली महा पंचायत में इन बिजली कर्मियों को सम्मानित किया जाएगा। संघर्ष समिति ने कहा है कि विगत 05 जनवरी को प्रयागराज में बिजली पंचायत में बिजली कर्मचारियों ने शपथ ली थी कि वे महाकुम्भ में श्रेष्ठतम बिजली व्यवस्था बनाए रखेंगे। बिजली कर्मचारियों ने मा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के यशस्वी नेतृत्व में यह सफलता पूर्वक कर दिखाया है।