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दुनिया बचाने के लिए परमाणु हथियारों का पूर्ण उन्मूलन है अति-आवश्यक : डॉ. मित्रा

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हिरोशिमा दिवस को समर्पित विचार चर्चा में आईडीपीडी के प्रेसिडेंट ने जताई चिंता

लुधियाना 6 अगस्त। यहां खालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल सिविल लाइन में ‘अब और युद्ध नहीं’ विषय पर चर्चा आयोजित की गई।  यह कार्यक्रम 6 अगस्त को जापान के हिरोशिमा पर अमेरिका द्वारा परमाणु बम गिराकर मारे गए 38,000 बच्चों सहित 2 लाख लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए रखी गई। साथ ही इसका मकसद भविष्य में युद्ध की रोकथाम के लिए जन जागरूकता बढ़ाना था।

इस मौके मुख्य वक्ता इंडियन डॉक्टर्स फॉर पीस एंड डेवलपमेंट यानि आईडीपीडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अरुण मित्रा रहे। उन्होंने कहा कि परमाणु बम के विस्फोट, गर्मी और विकिरण से होने वाली मौतें बहुत दर्दनाक होती हैं। गर्मी इतनी अधिक होती है कि शरीर तुरंत पिघल जाता है। यहां तक कि कंक्रीट की इमारतें भी पिघल जाती हैं। फैलाए गए विकिरण का प्रभाव दशकों तक रहता है। जिससे बड़ी संख्या में कैंसर होता है और आने वाली पीढ़ियों में विकलांगता हो सकती है।

उन्होंने कहा कि आज दुनिया में करीब 16 हजार परमाणु हथियार हैं, जिनका इस्तेमाल होने पर पूरी आधुनिक सभ्यता खत्म हो जाएगी।  यदि भारत और पाकिस्तान में 100 परमाणु हथियारों का उपयोग किया जाता है, तो दुनिया भर में दो अरब लोग मारे जाएंगे। परमाणु हथियारों को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाना चाहिए और दुनिया में एक भी हथियार नहीं होना चाहिए।

आईडीपीडी प्रेसिडेंट ने चेतावनी दी कि दुनिया में चल रहे युद्धों के कारण जान-माल का नुकसान होने के साथ भुखमरी फैल रही है। दुनिया गाजा में बच्चों के नरसंहार को रोकने में असमर्थ है। यूक्रेन में चल रहे युद्ध से परमाणु युद्ध का ख़तरा पैदा हो गया है। इस स्थिति को सुधारने के लिए दुनिया भर में शांति आंदोलन की आवाज़ को मजबूत करना होगा।

सोशल थिंकर्स फोरम के संयोजक एमएस भाटिया ने कहा कि हम विश्व शांति को प्राथमिकता के रूप में लिया जाना चाहिए, क्योंकि शांति के बिना कभी विकास नहीं हो सकता। हिंसा के माहौल में सबसे बुरा असर बच्चों पर पड़ता है। भारत जन ज्ञान विज्ञान जत्था के अध्यक्ष राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रणजीत सिंह ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण एवं शांति के लिए वे लगातार विभिन्न विद्यालयों में जाकर जनजागरूकता लाने का प्रयास करते रहेंगे। स्कूल की प्रिंसिपल करमजीत कौर ने छात्रों को इस गंभीर विषय पर चर्चा करने और विश्व में स्थायी शांति में योगदान देने के लिए आमंत्रित किया। विद्यालय के वाणिज्य विभाग की छात्रा सिया व प्रभलीन कौर ने भी अपने विचार रखे।

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