लुधियाना कारपोरेशन में कारें और बेशकीमती गिफ्ट मिलने के राज से उठा पर्दा
लुधियाना 12 मार्च। लुधियाना नगर निगम में हेरफेर का कार्य सिखरों पर पहुंच चुका है। यूटर्न टाइम अखबार की और से पहले ही अधिकारियों के साथ कई ठेकेदारों की अच्छी सेटिंग होने का मुद्दा उठाया गया था। यह भी बताया गया था कि अधिकारियों को मर्सिडीज व इनोवा हाइब्रिड जैसी गाड़ियां गिफ्ट मिल रही है। जिसका जीवित प्रमाण अब देखने को मिल रहे है। दरअसल, कारपोरेशन के ही ठेकेदार द्वारा कारपोरेशन के अधिकारियों और टीआईसी (टेंडर इनवाइटिंग सेल) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसमें निगम के एक्सियन से लेकर ड्राफ्टमैन तक पर मोटी रिश्वत लेकर टेंडर अलॉट करने के आरोप लगे हैं। इस संबंध में टारमैक रोड एंड रूफ बिल्डर्ज फर्म के पार्टनर शाबिर अहमद की और से सीएम भगवंत मान और नगर निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल को शिकायत दी गई है। जिसमें उन्होंने आरोप लगए हैं कि अफसरों द्वारा मिलकर कुछ ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए पहले अवैध तरीके से उनकी फर्म को डिस्क्वालिफाई कर दिया और फिर पहले ओपन हो चुके टेंडर का विवाद होने पर उसे आनन फानन में खोल भी दिया। जबकि जिन ठेकेदारों को यह टेंडर अलॉट हुए उनसे एक्सियन से लेकर ड्राफ्टमैन तक ने मोटी रिश्वत ली गई है। शाबिर अहमद का आरोप है कि जोन-सी एक्सियन राकेश सिंगला, एक्सियन टीआईसी हरजीत सिंह और ड्राफ्टमैन सिंपल पर दूसरे ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने की आढ़ में रिश्वत के आरोप लगाए हैं। अब देखना होगा कि क्या निगम कमिश्नर डेचलवाल मामले में अलॉट किए टेंडर कैंसिल करके दोबारा से पूरी प्रक्रिया सही तरीके से करते हुए कसूरवार अधिकारियों पर एक्शन लेंगे या नहीं।
करीब 15 करोड़ के थे छह टेंडर
टारमैक रोड एंड रूफ बिल्डर्ज फर्म के पार्टनर शाबिर अहमद ने बताया कि नगर निगम द्वारा चार दिसंबर को करीब 12 से 15 करोड़ के छह टेंडर खोले गए थे। यह टेंडर आरसीसी और आरएनसी की सड़कें बनाने के थे। जिसमें उनकी फर्म द्वारा हिस्सा लिया गया। पांच दिसंबर 2024 को यह टेंडर खोले गए। लेकिन फिर बाद में इन्हें होल्ड कर लिया गया। जिसके बाद 11 मार्च 2025 को टेक्निकल बीड खोलकर 12 मार्च को आन्न फान्न में फाइनेंशियल बीड भी खोल दी। जिसमें दो टेंडर अलॉट भी कर डाले। लेकिन रिश्वत का शोर पड़ने पर चार टेंडर रोक दिए।
जबरन टेंडर से किया बाहर
शाबिर अहमद द्वारा दी गई शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि उक्त छह टेंडरों की मंगलवार को टेक्निकल बीड खोली गई। जबकि उसमें उनकी फर्म को बाहर कर दिया गया। पूछने पर एक्सियन हरजीत सिंह ने कहा कि उन्हें 26 नवंबर 2024 को एक टेंडर अलॉट हुआ था। उसकी जानकारी न डालने पर उन्हें बीड से बाहर किया गया है। शाबिर का आरोप है कि जबकि उसे 26 नवंबर को कोई टेंडर अलॉट हुआ ही नहीं।
ठेकेदारों से अफसरों की प्रति टेंडर 10 प्रतिशत हिस्सेदारी
चर्चा है कि इस टेंडर में ठेकेदारों से नगर निगम के अफसरों से लेकर नीचे सत्र के मुलाजिमों को मोटी हिस्सेदारी मिली है। चर्चा है कि टेंडर अलॉट कराने पर 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी निगम अफसरों की है। जिसके चलते उनकी तरफ से जिन ठेकेदारों के साथ सेटिंग हुई, उन्हें ही टेंडर अलॉट करवाए गए हैं। इसी के चलते निगम के अधिकारियों को गाड़ियां व अन्य बेशकीमती गिफ्ट तक मिल रहे हैं।
हेरफेर करने के लिए अफसरों ने बनाई झूठी कहानी
शाबिर अहमद का आरोप है कि अफसरों ने चहेते ठेकेदारों को टेंडर दिलाने के लिए हेरफेर करके उनकी फर्म को बाहर किया और फिर झूठी कहानी बनाई। शाबिर अनुसार उन्हें अफसरों ने बताया कि 26-11-2024 को उन्हें 12 करोड़ का वर्क ऑर्डर पास हुआ था। जबकि उन्हें उस दिन कोई वर्क ऑर्डर नहीं पास हुआ। शाबिर ने आरोप लगाया कि उनके उक्त वर्क ऑर्डर के लिए उन्होंने 5.40 प्रतिशत बढ़ाकर देने की मांग की थी। जिसके चलते निगम कमिश्नर ने 5-12-2024 को चीफ इंजीनियर चंडीगढ़ को इसकी प्रवानगी देने को पत्र लिखा था। चीफ इंजीनियर द्वारा जिनती अमाउंट पर वर्क ऑर्डर दिया उसकी प्रवानगी मिलने पर उन्हें 9-12-2024 को वर्क ऑर्डर मिला। जबकि उन्होंने जब वर्क ऑर्डर लिया तो मौके पर ऑर्डर की कॉपी और अधिकारियों की वीडियो बनाई। यहां तक कि जोन-सी के एक्सियन राकेश सिंगला ने भी उक्त ऑर्डर के एग्रीमेंट पर 9 दिसंबर की तारीख डाली थी। जिससे साफ जाहिर है कि टीआईसी के अफसरों व मुलाजिमों ने उनकी फर्म को बाहर करने के लिए बहाना बनाया और बाद में वह गलत साबित हुआ।
आखिर किस अधिकारी को मिली इनोवा हाइब्रिड
वहीं नगर निगम में टेंडर अलॉट कराने और अवैध निर्माण कराने के लिए अधिकारियों को बड़े बड़े ऑफर मिलने की चर्चा है। वहीं चर्चा है कि एक अधिकारी को मर्सिडीज और दूसरे को इनोवा हाइब्रिड मिली है। लेकिन यह शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर किन अधिकारियों को यह कारें गिफ्ट की गई है। लेकिन निगम के उच्च अफसर इस मामले में चुप्पी साधे बैठे हैं।
मैं साइकिल भी नहीं ले पा रहा, कारें कहा से गिफ्ट करें
शाबिर अहमद ने आरोप लगाया कि उन्हें भी टेंडर में हिस्सेदारी की कॉल्स आई थी। लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह साइकिल तक खुद ले नहीं पा रहे, फिर अधिकारियों को कारें कहा से गिफ्ट करें। उन्होंने कहा कि हिस्सेदारी न दे पाने के चलते ही उनकी फर्म को टेंडर बीड से बाहर किया गया।
मिट्टी चोरी, कभी वेस्ट मैनेजमेंट तो कभी स्मार्ट सिटी में घोटाला
नगर निगम अफसरों के आए दिन घोटाले सामने आ रहे हैं। पहले उन पर वेस्ट मैनेजमेंट के टेंडर अलॉट करने में बड़ा घोटाला करने की बात सामने आई थी। जिसके बाद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में घोटाला करने के आरोप लगे। फिर लैय्यर वैली की रिकंस्ट्रक्शन करने की आढ़ में मिट्टी चोरी करने और सस्ता मटेरियल इस्तेमाल कर करोड़ों का घोटाला करने के आरोप लगे थे।
क्या अब निगम कमिश्नर लेंगे एक्शन
अब देखना होगा कि क्या निगम कमिश्नर डेचलवाल मामले में अलॉट किए टेंडर कैंसिल करके दोबारा से पूरी प्रक्रिया सही तरीके से करते हुए कसूरवार अधिकारियों पर एक्शन लेंगे या नहीं। क्योंकि अब तो उनके पास लिखित में शिका
यत आ चुकी है। लोगों में चर्चा है कि अब निगम कमिश्नर को मामले की गंभीरता से जांच कर एक्शन लेने की जरुरत है।