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मुद्दे की बात : केंद्रीय मंत्री तक फैला रहे सांप्रदायिकता !

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गिरीराज ने फेक-वीडियो देख मुसलमानों के खिलाफ उगला जहर

देश में हुए रेल हादसों के बाद गत दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो रेल-जिहाद के नाम से वायरल हुआ। एक्स पर कई वेरिफाइड और नॉन वेरिफाइड यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर कर डाला। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि देश में ट्रेनें पलटने की तैयारी हो रही है। इस वीडियो की टैग-लाइन रेल-जिहाद से जाहिर है कि टारगेट पर धर्म-विशेष, सीधे कहें तो मुस्लिम समाज को रखा गया। बस फिर क्या था, बिना-सोचे समझे इस अफवाह को फैलाने की दौड़ में बिहार के वरिष्ठ भाजपा नेता गिरीराज भी शामिल हो गए, जो केंद्रीय मंत्री भी हैं। उन्होंने तो बाकायदा मीडिया को बुलाकर अपने चिर-परिचित अंदाज में मुसलमानों के खिलाफ जहर उगल डाला।

यह तो शुक्र रहा कि दैनिक भास्कर ने अपनी फेक न्यूज एक्सपोज मुहिम के तहत इस अफवाह का पर्दाफाश कर दिया। दरअसल कुल 40 सेकंड के इस फेक-वीडियो में कुछ बच्चे पटरियों में लगी फिश-प्लेट निकालते दिखते हैं। राकेश कृष्णन सिम्हा नाम के एक्स यूजर ने अपने ट्वीट में लिखा कि बड़े पैमाने पर मासूमों की जान लेने के उद्देश्य से एक धर्म विशेष के बच्चों ने पटरियों से फिश-प्लेट निकालीं। दो दिन पहले यह पोस्ट 15 हजार से अधिक लोग लाइक कर चुके थे। वहीं, इसे 8 हजार से अधिक बार री-पोस्ट किया गया था। एक्स पर राकेश को 74 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

गौर करें कि पेशे से खुद को पत्रकार कहने वाले सुधीर मिश्रा ने ट्वीट किया कि वायरल करो इसे, ट्रेन को ‘पलटाने’ की तैयारी हो रही है। क्या ये “रेल जिहाद” है। सुधीर मिश्रा को एक्स पर 72 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। उनके इस ट्वीट को 1500 लोग लाइक कर चुके थे और 1100 लोगों ने इसे रीट्वीट किया था। सुदर्शन न्यूज के डॉ. सुरेश चव्हाणके ने भी वायरल वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि इस उम्र में ये रेल की पटरियां उखाड़ रहे हैं। सोचिए, अगले 50 वर्षों में ये क्या करेंगे। डॉ. चव्हाणके ने तो आगे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को टैग करते हुए लिखा कि अश्विनी वैष्णव जी, ऐसी हरकतें दिखते ही गोली मारने का आदेश रेलवे सुरक्षा बल को दें, तभी कुछ भय उत्पन्न होगा। डॉ. चव्हाणके ने वीडियो की लोकेशन और तारीख की तुरंत जांच किए जाने की बात भी अपने ट्वीट में लिखी है। डॉ. सुरेश चव्हाणके के ट्वीट को खबर लिखे जाने तक 5000 लोग लाइक कर चुके थे। वहीं, इसे 2900 बार री-पोस्ट किया जा चुका था।

इसी तरह, मनीष कश्यप सन ऑफ बिहार नाम के एक्स अकाउंट से किए गए ट्वीट में लिखा था कि वीडियो पता नहीं कहां की है, पर आप कपड़ों से पहचान सकते हो ये महानुभाव लोग कौन हैं। दो दिन पहले तक इस ट्वीट को भी 4900 से अधिक लोग लाइक कर चुके थे। वहीं, इसे 2200 लोगों ने रीपोस्ट किया था।

भास्कर-टीम ने वीडियो का सच जानने के लिए इसके की-फ्रेम्स को गूगल इमेज पर रिवर्स सर्च किया। सर्च रिजल्ट में पाकिस्तान का एक यूट्यूब चैनल CCTV World मिला। इस चैनल ने 6 दिसंबर, 2023 को इस घटना से जुड़ा 25 सेकंड का एक वीडियो शेयर किया था। वीडियो में दी गई जानकारी के अनुसार यह घटना पाकिस्तान के कराची में स्थित बोट बेसिन चौकी इलाके की थी। यहां पड़ने वाले सरताज खान रेलवे फाटक के पास से कुछ लड़कों ने पटरियों में लगने वाली फिश प्लेट्स और अन्य सामान चुराया था। इन लड़कों को बाद में पुलिस ने पकड़ लिया था। पड़ताल के दौरान मीडिया सेल साउथ कराची पुलिस नाम का एक यूट्यूब चैनल भी मिला। इस चैनल में दिए वीडियो में बच्चे अपनी गलती स्वीकारते और आगे से ऐसा ना करने की बात कहते दिखाई देते हैं। खैर, यह फेक-न्यूज तो एक्सपोज हो गई, लेकिन उस जहरीले-बयान के क्या नतीजे रहे, जो केंद्रीय मंत्री ने इस अफवाह को हवा देते हुए दिया। एकबारगी, चाल-चरित्र और चेहरे की बात करने वाली राष्ट्रीय पार्टी को इस बारे में गंभीरता से विचार करने की जरुरत है। इस पार्टी के जिम्मेदार नेता जब देश में सांप्रदायिकता का जहर घोलेंगे तो क्या ऐसी पार्टी को हर धर्म के लोगों का समर्थन मिल सकेगा ? इसी साल हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों से भी क्या भाजपा कोई सीख नहीं लेना चाहती है। जब चुनाव-प्रचार के दौरान बीजेपी के तमाम छोटे-बड़े नेता हिंदू-मुस्लिम का राग अलापते रहे और विपक्ष को सियासी-ऑक्सीजन देने का काम कर गुजरे।

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