अप्लाई करने में देरी पर विदेश मंत्रालय ने अनुमति देने से कर दिया है इनकार
चंडीगढ़ 3 अगस्त। पेरिस जाकर ओलंपकि में भारतीय हॉकी टीम का हौंसला बढ़ाने की सोच रहे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को यह मौका नहीं मिल पाएगा। दरअसल विदेश मंत्रालय ने मुख्यमंत्री को पॉलिटिकल क्लियरेंस देने से इंकार कर दिया है। जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने दलील दी है कि सीएम कार्यालय की तरफ से इस मामले में देरी से आवेदन किया गया। सीएम मान 3 से 9 अगस्त तक पैरिस ओलिंपिक में जाना चाह रहे थे। इसके लिए उन्होंने विदेश मंत्रालय से क्लियरेंस मांगी थी, जो खारिज कर दी गई। बताते हैं कि बीती शाम विदेश मंत्रालय से सीएम कार्यालय को इस बाबत संदेश मिला।
मान रोक लगाने पर भड़के : विदेश मंत्रालय ने अपने मैसेज में कहा गया कि सीएम मान ओलिंपिक के दौरान हॉकी मैच देखने नहीं जा सकते है। इसे लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि वह अपनी जेब से पैसा खर्च करके भारतीय हॉकी टीम का हौसला बढ़ाने के लिए विदेश जाना चाहते थे। इस हॉकी टीम में अकेले पंजाब से ही दस प्लेयर हैं। लिहाजा नैतिक कर्त्वय निभाने के नाते वह उनका हौंसला बढ़ाने को वहां जाना चाह रहे थे। दरअसल भारतीय टीम टफ मैच खेल रही है। सीएम मान ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी आरोप लगाया कि वह अकेले विदेश जाना चाहते हैं। मोदी नहीं चाहते कि देश की तरफ से कोई और नेतृत्व करता दिखे। यही कारण है कि उनकी और विपक्ष के एक अन्य मुख्यमंत्री की परमिशन रद कर दी गई।
भारतीय दल में 19 खिलाड़ी पंजाब से : इस मुद्दे पर सीएम मान ने तर्क दिया कि पंजाब के 19 खिलाड़ी भारत के ओलिंपिक दल में हैं। जिनमें से 10 हॉकी टीम का हिस्सा हैं। हॉकी में ही भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 52 साल बाद ओलिंपिक में हराकर इतिहास रचा। विदेश मंत्रालय का आरोप है कि सीएम कार्यालय ने लेट परमिशन मांगी। जबकि यह फैसला हॉकी के शुरुआती मैच जीतने के बाद लिया गया।
मुख्यमंत्री अदालत जाएंगे ! सीएम मान का कहना है कि इससे पहले आपर सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर जाने और गोपाल राय को भी यूएस जाने की परमिशन नहीं दी गई थी। जिसके बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा था। क्या भाजपा सरकार में हर दिक्कत होने पर उनको सुप्रीम कोर्ट ही जाना होगा।
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