पीडित परिवार ने इंसाफ ना मिलने पर दुखी होकर सीएम से लगाई गुहार,मामला: डब्बा ट्रेडिंग रैकेट द्वारा कंगाल करने का
(कुलवंत सिंह)
लुधियाना 22 नवंबर: हैबोवाल के रहने वाले व डब्बा ट्रेडिंग रैकेट के हाथों अपना सबकुछ लुटा बैठने वाले परिवार ने अब पंजाब के मुखयमंत्री भगवंत मान को गुहार लगाई है कि या तो उनको इंसाफ दिलवा दो या फिर उनको सामूहिक आत्महत्या करने की मंजूरी दे दो। इस परिवार में अमित बस्सी व ईशा बस्सी और उनके तीन बच्चे है। उनका कहना था कि वह सीएम,डीजीपी से लेकर लुधियाना कमिश्रर तक को इंसाफ के लिये गुहार लगा चुके है,लेकिन उनको कहीं से भी इंसाफ नही मिल रहा,जिस कारण वह दुखी होकर अब मुखयमंत्री को गुहार लगा रहे है। शायद उूंची पहुंच और पैसों वालों को ही पंजाब में इंसाफ मिलता है,लेकिन वह तो रैकेट के शिकार होकर अपना सबकुछ यानि कि करोडों रूपए लुटा चुके है। इस राजनितक संरक्षण प्राप्त रैकेट के लोग उनको धमका रहे है,उनका जीना मुहाल कर रखा है,वह एक कमरे में बंद होकर रह गये है,लेकिन उनकी सुनने वाला नही है,जबकि मीडिया जिसे लोकतंत्र का चोथा स्तंभ माना जाता है,नामचीन समाचार पत्रों के पत्रकारों ने भी उनकी कोई सुनवाई नही की। जिससे लगता है कि ऐसे ठग लोग उन पर भारी है,जिस कारण उनको इंसाफ की उमींद भी दिखाई नही दे रही।
तीन बार मुखयमंत्री से मिलने गये,लेकिन मिली नामोशी
अमित बस्सी व ईशा बस्सी ने बताया कि तीन बार वह मुखयमंत्री को मिलने गये थे,लेकिन एन मौके पर उनको दो बार बताया गया कि मुखयमंत्री बाहर गये हुए है। एक बार उनकी माता जी मिले थे,जिन्होने कहा कि उनका बेटा चुनावों में व्यस्त है और 15 दिन बाद आकर मिलने को कहा गया। उनको लगा था कि मुखयमंत्री आम लोगों में से मुखयमंत्री बने है,उन्हें पूरा भरौसा था कि वह उनको इंसाफ दिलायेगें,उनकी यह आस की किरण भी टूट गई और नामोशी ही उनको झेलनी पडी। उसके पश्चात उन्होने डीजीपी को शिकायत की,जिन्होने उनकी शिकायत फिर लुधियाना भेज दी। जबकि पहले भी लुधियाना पुलिस को सभी सबूत देने के बावजूद उनकी कोई सुनवाई नही की,अब वह इस इंतजार में है कि नई शिकायत पर पुलिस आखिर क्या कार्रवाई करेगी।
कब कब की कंपलेट
पुलिस कमिश्रर को 20 जून 2024 को पूरे सबूतों सहित रैंकट के सभी गौरखधंधों बारे में शिकायत की थी। जिन्होने आगे एसीपी वैस्ट को जांच के लिये दी थी। नतीजा यह निकला कि उनको बुलाया तक नही गया। उसके बाद डीजीपी को 8 जुलाई 2024 को कंपलेट की थी। जिन्होने पुलिस कमिश्रर को मार्क कर दी थी। पुलिस कमिश्रर ने आगे एडीसीपी आपरेशन को मार्क कर दी। उन्होने ने भी अभी तक उनको नही बुलाया है। उनको बिना बुलाये उनकी शिकायतें तक दाखिल दफतर कर दी गई। एडीसीपी ने मल्टीपल जांच कहते हुए जांच बंद कर दी।
क्या कहते है,प्रमुख वकील खुरमी
एडवोकेट अरूण खुरमी ने कहा कि यह धंधा ही अवैध है। इसमें ना तो सरकार को कोई रैविन्यू जाता है,जिस कारण यह सरकार को सीधी चपत लग रही है,लुधियाना में उनके पास भी कई शिकायते आ रही है कि किस तरह उनको चंद दिनों में कंगाल बना दिया गया। उन्होने कहा बडे अफसोस की बात है कि पुलिस खुद संज्ञान लेकर कार्रवाई नही करती बल्कि शिकायतें देने के बावजूद भी इन ताकतवर लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही कर रही जबकि आज परिवार आत्महत्या की मंजूरी देने की अपील कर रहा है।
उन्होने साफ कहा कि वह पीडित परिवार के साथ खडे है और वह इस मामले में रैकेट के खिलाफ कार्रवाई करवाने के लिये किसी भी हद तक जायेगें।
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