मीडिया से मुखातिब हुए मान बोले, केंद्र अड़ियल रवैया छोड़े, किसानों से बात करें, कृषि मार्केटिंग पॉलिसी ड्रॉफ्ट गलत
चंडीगढ़ 2 जनवरी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वीरवार को खनौरी-शंभू बॉर्डर जारी किसान आंदोलन को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा कि मैं केंद्र सरकार से कहना चाहता हूं, वह अड़ियल रवैया छोड़े दे, रजामंदी से मामले निपट जाते हैं।
वह बोले कि दुनिया में जंग चलती रहती हैं, लेकिन मामले टेबल पर बातचीत से निपटते हैं। किसान इसी देश के नागरिक हैं, उनकी जत्थेबंदियों को बुलाकर मामले को निपटाने की कोशिश करें। किसान, केंद्र सरकार के कृषि मार्केटिंग पॉलिसी के ड्रॉफ्ट को स्वीकार नहीं करते हैं। इस बारे में पंजाब सरकार लिखकर केंद्र सरकार को भेज रही है। केंद्र किसी अन्य राज्य में तुजुर्बा कर ले, अगर कामयाब होगा तो हमें बता देना। हम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हैं। हम किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत को लेकर गंभीर है। 50 डॉक्टरों की टीम मौके पर तैनात है। साथ ही धरना स्थल के 500 मीटर के दायरे में अस्थाई अस्पताल बनाया गया है। अगर कुछ भी होता है तो केंद्र की बीजेपी सरकार जिम्मेदार होगी।
सीएम मान ने कहा कि केंद्र में दोबारा भाजपा की सरकार बन गई, लेकिन चुनाव नतीजों के बाद किसानों से बातचीत नहीं हुई। जबकि इस दिशा में पहल होनी चाहिए थी। वहीं, अब केंद्र रद किए तीनों कृषि कानून अन्य रूप में लागू करने की तैयारी में है। मान ने किसानों से कहा कि पंजाब बंद जैसे फैसले ना लें। इस तरह के फैसलों से राज्य का ही नुकसान होता है। बंद से पंजाब का सौ करोड़ का नुकसान हुआ, लोग अलग से परेशानी हुए।
वह बोले, डल्लेवाल का मरणव्रत 38 वें दिन में दाखिल हो गया, हम कई बार बातचीत का प्रयास कर चुके हैं। किसानों की मांगें केंद्र से जुड़ी हैं। चाहे इन दोनों फोरम की मांगें हो या अन्य यूनियनों की मांगे, सबकी मांगे एक ही हैं। जत्थेबंदियों की विचारधारा अलग हो सकती हैं, केंद्र बातचीत के लिए न्योता को नहीं देता। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया है। मैंने खुद, परसों डल्लेवाल से बात कर कहा कि संघर्ष लंबा चलेगा, आपकी सेहत जरूरी है। केंद्र चाहता है कि डल्लेवाल को उठाकर अस्पताल ले जाएं। यह हम कैसे कर सकते हैं। किसान ना तो वह हिंसक हो रहे हैं ना कोई टकराव की स्थिति है। हमारे पर प्रेशर बनाने की जगह केंद्र सारे स्टेक होल्डर को बुलाकर बातचीत कर ले।
मान ने कहा मध्य प्रदेश के नेता शिवराज सिंह खेतीबाड़ी मंत्री हैं, वह वहां के मुख्यमंत्री रहे हैं, उन्हें सारे इश्यू पता है। पंजाब और हरियाणा का मंडीकरण सिस्टम बहुत मजबूत है। अब नई एग्रीकल्चर मार्केटिंग पॉलिसी के ड्रॉफ्ट को लागू कर इसे तोड़ने की कोशिश की जा रही है। मान ने भाजपा से कहा कि
आप हरियाणा इलेक्शन जीत गए हैं। जिस तरह के बयान नेताओं के आ रहे है, वह उचित नहीं है। हमारे डीजीपी, एडीजीपी, डीसी सारे अधिकारी किसानों से बातचीत कर रहे हैं। आंसू गैस के गोले व पानी की बौछारें हरियाणा मार रहा है। मामला केंद्र सरकार से जुड़ा है। हम नहीं चाहते है कि हमारे यहां किसी तरह की कैजुअल्टी हो।
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