चीन ने भारत की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम को लेकर विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत दर्ज की है। बीजिंग का आरोप है कि एडवांस केमिस्ट्री सेल (ACC) बैटरी, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने वाली PLI स्कीम में ऐसी शर्तें हैं जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन करती हैं।
WTO में बातचीत की मांग
WTO के जिनेवा मुख्यालय से जारी कम्युनिकेशन के अनुसार, चीन ने डिस्प्यूट सेटलमेंट मैकेनिज्म के तहत भारत से औपचारिक बातचीत की मांग की है। उसका कहना है कि भारत की नीतियां घरेलू सामान के इस्तेमाल को प्राथमिकता देती हैं, जिससे चीनी उत्पादों के साथ भेदभाव होता है।
भारत की EV नीति पर नजर
भारत की EV और बैटरी उत्पादन नीति पर यह शिकायत ऐसे समय में आई है जब चीन अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्यात भारत में बढ़ाना चाहता है। हाल की रिपोर्टों के अनुसार, घरेलू बिक्री घटने और मुनाफा कम होने के चलते चीनी कंपनियां विदेशी बाजारों की ओर रुख कर रही हैं।
घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने का लक्ष्य
भारत सरकार का कहना है कि PLI स्कीम का मकसद घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करना, आयात पर निर्भरता घटाना और रोजगार सृजन करना है। सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों, ऑटो पार्ट्स और बैटरी निर्माण के लिए हजारों करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज घोषित किए हैं।





