चंडीगढ़, 01 अक्तूबर– हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि जापानी निवेशकों के योगदान के कारण गुरुग्राम आज विश्वस्तर पर अपनी नई पहचान बना चुका है। उन्होंने कहा कि 1980 के दशक में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में मारुति की स्थापना के बाद से गुरुग्राम औद्योगिक विकास का एक प्रमुख केंद्र बन गया है। इस क्षेत्र में ऑटो के सहायक कलपुर्जे, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और साइबर सिटी जैसे उद्योगों ने तेजी से वृद्धि की है। वर्तमान में जापान अपने कुल निवेश का लगभग एक तिहाई हिस्सा हरियाणा में निवेश कर रहा है, जो राज्य की औद्योगिक क्षमता और निवेश आकर्षण का स्पष्ट संकेत है।
राव नरबीर सिंह ने बताया कि सिर्फ गुरुग्राम में 600 से अधिक जापानी कंपनियां सक्रिय हैं, जो राज्य में रोजगार और तकनीकी विकास का बड़ा स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी 5 से 11 अक्टूबर तक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ जापान दौरे पर जाएंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री जापानी निवेशकों से मुलाकात करेंगे और हरियाणा में निवेश के विभिन्न अवसरों को विस्तार से प्रस्तुत करेंगे। इसके साथ ही वे जापान में आयोजित वैश्विक निवेशक प्रदर्शनी में हरियाणा पंडाल का दौरा करेंगे, जिससे निवेशकों को राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया जा सके।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के जापान दौरे के बाद इंडिया-जापान फास्ट ट्रैक मैकेनिज़म का गठन किया गया था। इसका उद्देश्य जापानी निवेशकों के लिए भारत और हरियाणा को निवेश के लिए और अधिक सुगम और आकर्षक बनाना है। मंत्री ने कहा कि हरियाणा राज्य प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत बनाने के विजन को मूर्त रूप देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। जापानी कंपनियां मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों में भी सक्रिय योगदान दे रही हैं, जो राज्य के आर्थिक विकास और औद्योगिक विस्तार में अहम भूमिका निभा रहे हैं।