चंडीगढ़, 16 सितंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र में बनने वाले ‘सिख संग्रहालय एवं विरासत केंद्र’ और ‘संत रविदास भवन एवं संग्रहालय’ के लिए शोध समितियां गठित करने के निर्देश दिए हैं। ये समितियाँ पवित्र गुरुओं की जीवन यात्रा, शिक्षाओं और आदर्शों से संबंधित विषय-वस्तु का परीक्षण एवं सत्यापन करेंगी, जिससे दोनों महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के कार्य को शीघ्र गति मिल सके। समितियों में ऐसे विद्वान सम्मिलित किए जाएंगे जिन्होंने गुरुओं के जीवन एवं योगदान पर गहन अध्ययन और शोध कार्य किया है।
मुख्यमंत्री आज यहाँ ‘सिख संग्रहालय एवं विरासत केंद्र’ और ‘संत रविदास भवन एवं संग्रहालय’ की प्रगति की समीक्षा हेतु आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
बैठक के दौरान श्री नायब सिंह सैनी ने दोनों संग्रहालयों के संकल्पना डिज़ाइनों की भी समीक्षा की और अधिकारियों को कम से कम 4-5 विकल्प प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सर्वोत्तम विकल्प को शीघ्र अंतिम रूप देकर कार्य प्रारंभ किया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि संग्रहालयों के लिए वास्तुशिल्पीय डिजाइन तैयार करते समय संरचनाओं की एकरूपता सुनिश्चित की जाए तथा भवन चारों ओर से समान रूप से प्रभावशाली और आकर्षक दिखाई दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुरुक्षेत्र में बनने वाला सिख संग्रहालय सिख इतिहास, संस्कृति और गुरुओं की यात्रा को विस्तार से प्रस्तुत करे। इसी प्रकार, संत शिरोमणि गुरु रविदास संग्रहालय न केवल स्थापत्य की दृष्टि से प्रभावशाली हो, बल्कि संत रविदास जी के आध्यात्मिक दर्शन, शिक्षाओं और सामाजिक समरसता के शाश्वत संदेश को भी अभिव्यक्त करे।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सिख गुरुओं के इतिहास और शिक्षाओं के साथ-साथ संत शिरोमणि गुरु रविदास जी के जीवन एवं विचारों पर आधारित पुस्तकों की तैयारी अभी से प्रारंभ कर दी जाए, ताकि संग्रहालयों के उद्घाटन अवसर पर उनका विमोचन किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि पवित्र विरासत को संरक्षित करने और गुरुओं के जीवन-दर्शन को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार कुरुक्षेत्र में तीन एकड़ भूमि पर सिख संग्रहालय एवं विरासत केंद्र तथा पांच एकड़ भूमि पर गुरु रविदास भवन एवं संग्रहालय की स्थापना की जा रही है।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, पर्यटन एवं विरासत विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती कला रामचंद्रन, महानिदेशक (सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा) श्री के. मकरंद पांडुरंग, मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी श्री भारत भूषण भारती, विशेष कार्याधिकारी डॉ. प्रभलीन सिंह, हरियाणा साहित्य एवं संस्कृत अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।