दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को घोषणा की कि इस वर्ष राजधानी में छठ महापर्व दिवाली जैसी भव्यता से मनाया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यमुना नदी के किनारे 17 मॉडल छठ घाट तैयार किए जा रहे हैं। साथ ही, पूरे शहर में करीब 1500 घाटों पर छठ पूजा का आयोजन होगा।
सफाई और सुरक्षा पर रहेगा फोकस
सीएम गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार का मुख्य फोकस घाटों की सफाई और श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर है। इसके लिए एक विशेष सफाई अभियान शुरू किया गया है, जिसमें सांसद, विधायक और पार्षद अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर घाटों की सफाई सुनिश्चित करेंगे।
पुराने केस होंगे वापस
मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुना किनारे छठ पूजा करने पर दर्ज सभी पुराने केस वापस लिए जाएंगे। उन्होंने याद दिलाया कि 2021 में पिछली सरकार ने कई श्रद्धालुओं पर धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
हर जिले में एक मॉडल घाट
सीएम ने बताया कि इस बार दिल्ली के प्रत्येक जिले में एक मॉडल छठ घाट बनाया जाएगा, जहां मैथिली और भोजपुरी में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। इस वर्ष छठ पर्व 25 से 28 अक्टूबर तक मनाया जाएगा।
1000 से ज्यादा समितियों ने दिए आवेदन
मुख्यमंत्री के अनुसार, इस बार 1000 से अधिक पूजा समितियों ने आवेदन किया है। सभी समितियों को शौचालय, पेयजल, बिजली, रोशनी, चाय और सुरक्षा जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
बीजेपी अध्यक्ष ने दी जानकारी
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि रेखा गुप्ता सरकार ने छठ पूजा को लेकर बीजेपी के वादे को पूरा किया है। अब दिल्ली में 1500 घाटों पर पूजा होगी, जिनमें यमुना के किनारे बने घाट भी शामिल हैं।
छठ पर्व का महत्व
छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित चार दिवसीय पर्व है, जिसमें व्रत, स्नान और सामूहिक पूजा का विशेष महत्व है। यह त्योहार विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल में लोकप्रिय है। दिल्ली में बसे लाखों पूर्वांचलवासी हर साल इस पर्व को बड़ी श्रद्धा से मनाते हैं।