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इंदिरा ट्रेडिंग एप्प का नाम इस्तेमाल कर मारी लोहा कारोबारी से 25.25 लाख की ठगी

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असली एप्प के मालिक का नाम, लाइसेंस नंबर इस्तेमाल कर बनाई जाली एप्प, रोजाना बदलते थे बैंक खाते

(राजदीप सिंह सैनी)

लुधियाना 1 अप्रैल। असली ट्रेडिंग एप्प का नाम इस्तेमाल कर जाली एप्प बना नट बोल्ट कारोबारी से साइबर ठगों ने 25.25 लाख रुपए की ठगी मार ली। थाना सदर की पुलिस ने बसंत एवेन्यू के कपिल ढींगरा की शिकायत पर गुजरात के असलम मेमन, तामिलनाडू की ईवर स्पोर्ट टेक्नॉलजी और राजस्थान के तिरुपति बालाजी फर्म के खिलाफ मामला दर्ज किया है। शिकायतकर्ता कपिल ढींगरा ने बताया कि उनकी फोकल प्वाइंट में नट बोल्ट की फैक्ट्री है। शिकायतकर्ता के अनुसार उक्त आरोपियों द्वारा फर्जी एप्प बनाकर उनके साथ 25 लाख 25 हजार रुपए की ठगी मार ली गई।

 

जबरन व्हाट्सएप ग्रुप में करवाया एड

शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपियों द्वारा उन्हें जबरन व्हाट्सएप ग्रुप में एड कराया गया। लेकिन उन्होंने कई बार ग्रुप एग्जिट कर दिया। लेकिन आरोपी दोबारा उसे एड कर लेते थे। आरोपियों द्वारा इसी तरह उन्हें ग्रुप में एड किया गया। उक्त ग्रुप का नाम इंदिरा शेयर ट्रेडिंग एप्प रखा हुआ था। ग्रुप में 110 के करीब मेंबर थे। उक्त ग्रुप में सभी जाली मेंबर एड कर रखे थे। वह रोजाना करोड़ों रुपए बैंक खातों में जमा कराने और प्रॉफिट होने के मैसेज डालते थे। उन्हें देखकर शिकायतकर्ता ने भी पैसे शेयर मार्केट में लगाने की सोची।

 

एक महीना निकाले पैसे बाद में रोके

शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने दिसंबर 2023 में एप्प में अपना अकाउंट बनाया था। जिसमें सबसे पहले 50 हजार रुपए जमा करवाए। शुरुआत में आरोपी प्रॉफिट देकर वापिस पैसे बैंक में डालने देते थे। एक महीना इसी तरह चलता रहा। लेकिन बाद में जब ज्यादा रकम उनके खाते में जमा करवाई तो आरोपियों ने पैसे नहीं निकालने दिए। जबकि और पैसे जमा कराने का दबाव डालने लगे। जब शिकायतकर्ता ने पैसे जमा नहीं करवाए तो आरोपियों ने उनका अकाउंट ही डिलीट कर दिया।

 

इंदिरा एप्प की बना रखी जाली एप्प

शिकायतकर्ता ने बताया कि मध्य प्रदेश में इंदिरा ट्रेडिंग एप्प चलती है, जो कि शेयर मार्केट में रजिस्टर्ड है। आरोपियों द्वारा उसी एप्प के जैसे एप्प बना रखी है। जबकि असली एप्प के मालिक का नाम और लाइसेंस नंबर भी वहीं शो किया जाता है। जिसके चलते अगर कोई व्यक्ति इंटरनेट पर सर्च भी करे तो असली एप्प की डिटेल निकलकर सामने आती है। इसी पर भरोसा करके शिकायतकर्ता ने पैसे इन्वेस्ट कर दिए।

रोजाना बदले जाते थे बैंक खाते

शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपियों द्वारा पहले पांच प्रतिशत प्रॉफिट दिया जाता है। जिसके बाद जैसे जैसे पेमेंट ज्यादा जमा करवाई जाएगी, वैसे वैसे प्रॉफिट का प्रतिशत बढ़ता जाएगा। हालांकि पैसे निकालने के समय सिर्फ पांच लाख रुपए तक पेमेंट निकल सकती है। जबकि जमा कराने के समय करोड़ों रुपए जमा हो सकते हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार आरोपी रोजाना नया बैंक खाता देते थे और रोजाना नए खाते में पैसे डाले जाते थे।

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