लुधियाना, 12 अक्तूबर। श्री राम शरणम्, श्री राम पार्क स्थित आश्रम मंदिर के साप्ताहिक सत्संग कराया गया। जिसमें संत रमणीक बेदी महाराज ने अपने संदेश में राम नाम की महिमा का वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि राम नाम भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह केवल एक साधारण नाम नहीं, बल्कि एक महामंत्र है। जो सृष्टि के कण-कण में व्याप्त है। इसका जप, स्मरण और ध्यान करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। राम नाम की महिमा अपरंपार है और इसे कई रूपों में समझा जा सकता है। राम नाम को तारक मंत्र कहा गया है। जिसका अर्थ है, जो भवसागर से पार करा दे।
गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने महाकाव्य रामचरितमानस में इस नाम की महिमा का वर्णन करते हुए लिखा है, कलियुग में केवल राम नाम ही एकमात्र सहारा है, जिसे स्मरण करने से मनुष्य भवसागर से पार हो सकता है। संतों और ऋषियों ने राम नाम को ईश्वर प्राप्ति का सबसे सरल और सीधा मार्ग बताया है। यह नाम जप करने वाले व्यक्ति को अहंकार, लोभ, क्रोध और मोह जैसे विकारों से मुक्त करता है। राम नाम ने कई महापुरुषों और संतों को प्रेरित किया है, जिनमें महात्मा गांधी भी शामिल हैं। महात्मा गांधी जी ने अपने जीवन के अंतिम क्षणों में भी ‘हे राम’ का उच्चारण किया था। राम नाम केवल दो अक्षरों का एक शब्द नहीं है, बल्कि यह एक संपूर्ण दर्शन है। यह आध्यात्मिक उन्नति, मानसिक शांति और सामाजिक एकता का प्रतीक है।
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