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चंडीगढ़ : 2024 में बदला पूरा प्रशासनिक चेहरा, मेट्रो पर लगी ब्रेक, अनिल मसीह कांड से किरकिरी

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लखविंदर जोगी

चंडीगढ़ 28 दिसंबर। यूटी चंडीगढ़ में साल 2024 में कई तरह के बदलाव हुए। राजनीति से लेकर प्रशासनिक फेरबदल हुआ। वहीं नगर निगम चुनाव में अनिल मसीह कांड राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहा। साल 2024 चंडीगढ़ प्रशासन के लिए बड़े बदलावों का साल साबित हुआ।

प्रशासक से लेकर डीसी, गृह-वित्त सचिव, नगर निगम आयुक्त से लेकर डीसी तक प्रशासनिक ढांचे में महत्वपूर्ण चेहरे बदल गए। हालांकि, इन बदलावों के बावजूद प्रशासन ठोस फैसले लेने में विफल रहा। स्टार्टअप नीति अभी भी लंबित है और मेट्रो प्रोजेक्ट पर भी लगभग ब्रेक लग गई है। वहीं, डंपिंग ग्राउंड हटाने के काम ने जरूर गति पकड़ी, लेकिन अनिल मसीह कांड जैसी घटनाओं ने चंडीगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदा भी किया।

मेयर चुनाव ने कराई किरकिरी :

शहर के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव 18 जनवरी को रखा गया था। सुबह 11 बजे से मेयर का चुनाव होना था लेकिन आधा घंटा पहले चुनाव को टाल दिया गया। इसके बाद 30 जनवरी को तय हुआ। चुनाव के दौरान ही मनोनीत पार्षद व पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर बैलेट पेपर पर निशान लगाकर गठबंधन के वोटों को रद्द करने का आरोप लगा। उन्होंने 8 वोट रद्द करके भाजपा के मनोज सोनकर को मेयर घोषित कर दिया। आप ने मामले को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने अनिल मसीह को दोषी पाया और गठबंधन के कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया। इन सब से भाजपा और चंडीगढ़ की पूरे देश में काफी किरकिरी हुई।

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