पंजाब में भी प्रदूषण के चलते हालात बेहतर नहीं
चंडीगढ़ 11 नवंबर। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद पराली से बढ़ते प्रदूषण को रोकने में सरकारें नाकाम नजर आ रही है। मसलन, हरियाणा की तरह ही पंजाब में पराली जलाने के कारण से चंडीगढ़ की हवा में लगातार जहर घुल रहा है। नतीजतन हवा की गुणवत्ता गिरावट दर्ज की जा रही है।
चिंताजनक पहलू है कि सिटी ब्यूटीफुल में अब लोगों को सांस लेने में दिक्कत आने लगी है। यहां किसी हद तक हालत राजधानी दिल्ली से भी गंभीर बन रहे हैं। जानकारी के मुताबिक सोमवार सुबह 5 बजे चंडीगढ़ का एक्यूआई 341 तक दर्ज किया गया। हालांकि रविवार को चंडीगढ़ का एक्यूआई दिल्ली से आगे निकल गया था। तब चंडीगढ़ का एक्यूआई 339 पर पर पहुंच गया था, जबकि दिल्ली में एक्यूआई 334 दर्ज किया गया था।
चंडीगढ़ के सैक्टर-22 में सोमवार सुबह 5 बजे एक्यूआई 337 दर्ज किया गया। जबकि पंजाब यूनिवर्सिटी और न्यू चंडीगढ़ साइड में एक्यूआई 319 और मोहाली साइड में सेक्टर-53 में तो हालत सबसे खराब रही है। यहां पर एक्यूआई 341 तक पहुंच गया है। इसको अगर आसान भाषा समझे तो इसका मतलब है कि हवा का स्तर इतना खराब है कि आप 12.5 सिगरेट पीने जितना धुंआ अपने अंदर ले रहे हैं। ऐसे में चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ने शहर की स्थिति को देखते हुए नगर निगम को छिड़काव और अन्य कदम उठाने के आदेश दिए हैं।
दूसरी ओर, पंजाब के सभी शहरों की हवा लगातार प्रदूषित हो रही है। सबसे बदतर हालात मंडी गोबिंदगढ़ में बने हैं, यहां एक्यूआई 270 रहा। इसी तरह, जालंधर का 207, अमृतसर का एक्यूआई 202, लुधियाना का एक्यूआई 202, बठिंडा का एक्यूआई 175 व पटियाला और खन्ना का एक्यूआई 199 रहा है। जबकि पंजाब में मौसम विभाग ने कई स्थानों पर घनी धुंध का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जिससे विजिबिलिटी पर असर पड़ रहा है।
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