ट्राईसिटी की पहली अंतर्राष्ट्रीय वेटलैंड बनेगी लेक, मंजूरी दी प्रशासक कटारिया ने
चंडीगढ़, 20 सितंबर। ट्राईसिटी की खास पहचान सुखना लेक अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना मुकाम बनाएगी। यूटी प्रशासन की वेटलैंड अथॉरिटी की बैठक में लेक को रामसर साइट घोषित करने का प्रस्ताव मंजूर हो गया।
जानकारी के मुताबिक राज्य वेटलैंड अथॉरिटी की चौथी बैठक पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया की अध्यक्षता में गत दिवस हुई। जिसका मुख्य फोकस शहर की पहचान सुखना वेटलैंड के संरक्षण और प्रबंधन पर रहा। सबसे अहम फैसला यह रहा कि अथॉरिटी ने सुखना वेटलैंड को रामसर साइट घोषित करने का प्रस्ताव मंजूर कर दिया। अब प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। यदि केंद्र सरकार और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसे स्वीकृति मिलती है तो यह चंडीगढ़ की पहली रामसर साइट होगी। प्रशासक ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सुखना लेक के साथ ही के अन्य तालाबों और जलाशयों का भी सही तरीके से संरक्षण किया जाए। बैठक में मुख्य सचिव राजीव वर्मा, गृह सचिव-कम-वन सचिव मनदीप सिंह बराड़, देहरादून के वन्य जीव संस्थान और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के विशेषज्ञ मौजूद थे।
बताते हैं कि रामसर साइट का दर्जा मिलने के बाद सुखना लेक को के संरक्षण के लिए खास ध्यान दिया जाएगा। इसे पर्यावरण के नजरिए से एक महत्वपूर्ण वेटलैंड माना जाएगा। इससे यहां आने वाले पर्यटक, पक्षी प्रेमी और शोधकर्ता भी आकर्षित होंगे। रामसर साइट्स में शामिल साइट्स के संरक्षण से जल-शोधन, बाढ़-नियंत्रण, जलवायु-संतुलन, जीव-जंतुओं की सुरक्षा और मानवीय आजीविका को मदद मिलती है। बता दें कि भारत में रामसर साइट्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2025 तक 89 स्थल सूचीबद्ध हैं, जो दक्षिण एशिया में सबसे अधिक है।
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