चंडीगढ़ : झाड़ियों में शव मिला शिमला का युवक, सीमा विवाद में उलझी रही चंडीगढ़-पंचकूला पुलिस

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29 अगस्त- रमेश शिमला से मनीमाजरा में गाड़ी लेकर कबाड़ बेचने आता था। 25 अगस्त को वह गाड़ी ठीक करवाने के लिए मैकेनिक के पास आया था।शिमला के संजौली निवासी 25 साल के युवक का मनीमाजरा स्थित मोटर मार्केट के पास झाड़ियों में संदिग्ध परिस्थितियों में शव बरामद हुआ। रमेश चार बहनों का इकलौता भाई था। सूचना के बावजूद सीमा विवाद के कारण शव को उठाने के लिए चंडीगढ़ और पंचकूला दो घंटे तक उलझी रही। रात करीब 10 बजे फैसला हुआ कि मामला पंचकूला का है।इसके बाद पंचकूला एमडीसी थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सेक्टर-6 के सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। मामले की सूचना के बाद पंचकूला की डीसीपी सृष्टि गुप्ता मौके पर पहुंचीं। पुलिस के अनुसार युवक की माैत नशे से ओवरडोज से होने की आशंका है। पुलिस को मौके से सीरिंज बरामद हुई हैं।एमडीसी थाने के एसएचओ वीरेंद्र सिंह ने कहा कि जांच की जा रही है। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने रात को चंडीगढ़ पहुंचकर खुद शव की तलाश की। इस दाैरान पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की।
मनीमाजरा पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप
मृतक के परिजनों का आरोप है कि उन्हें केवल इतनी सूचना मिली थी कि रमेश के नाक से खून बह रहा है। उन्हें पता चला था कि मनीमाजरा मोटर मार्केट की झाड़ियों के पास कुछ घटना हुई। इसके बाद वह मनीमाजरा थाने गए लेकिन उनका आरोप है कि थाने से कोई भी पुलिसकर्मी मदद के लिए साथ नहीं आया। इसके बाद वह खुद लोगों से पूछते-पूछते शव तक पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने डीडीआर तक दर्ज नहीं की। जबकि पुलिस जीरो एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच कर सकती थी। इसके बाद पुलिस कंट्रोल रूम पर कॉल की। जिसके बाद चंडीगढ़ मनीमाजरा थाने के एसएचओ मनिंदर सिंह पहुंचे। पुलिस के अनुसार शव फूल चुका था और बदबू आ रही थी। एसएचओ मनीमाजरा मनिंदर सिंह का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि आरोप बेबुनियाद हैं।
26 अगस्त को रमेश की आखिरी बार बड़ी बहन डॉली से रात करीब 8 बजे के बीच बात हुई थी। इसके बाद उनका कोई संपर्क नहीं हुआ। कई बार फोन किया गया। घंटी बजती रही लेकिन फोन नहीं उठा। पुलिस को मृतक की जेब से मोबाइल बरामद हुआ है। पुलिस मोबाइल की कॉल डिटेल्स भी खंगाल रही है। परिजनों ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद सबसे पहले वह संजौली थाने में गए। उन्होंने भी कोई कार्रवाई नहीं की। न ही हिमाचल पुलिस के किसी कर्मचारी ने चंडीगढ़ पुलिस को कॉल कर इसकी जानकारी दी।मालिक ने 20 से 22 हजार रुपये दिए थे। पैसे कहां गए या कहां खर्च हुए इसकी भी पुलिस जांच कर रही है।एमडीसी थाना पुलिस अब मृतक के दोस्त मन्नू और चक्सू से पूछताछ करेगी। उनसे जानने की कोशिश करेगी कि आखिर रमेश झाड़ियों में कैसे पहुंचा और उसकी मौत कैसे हुई। उन्होंने तुरंत कंट्रोल रूम पर कॉल कर जानकारी क्यों नहीं दी। अगर उसके नाक से खून बह रहा था तो पुलिस को कॉल कर उसे अस्पताल क्यों नहीं पहुंचाया गया।मामले की जांच कर रहे हैं।
सूचना मिलने के बाद हमारी टीम मौके पर पहुंची थी। मामला पंचकूला का बनता था। इसलिए पंचकूला पुलिस को मामले की जानकारी दे दी थी। पंचकूला पुलिस केआने के बाद हमारी टीम वापस लौटी थी। – मनिंदर सिंह, एसएचओ मनीमाजरा

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