चंडीगढ/यूटर्न/3 अगस्त: चंडीगढ़ पुलिस के एक कांस्टेबल एनआरआई की गाड़ी में खुद ही अफीम रखकर उसे एफआईआर का डर दिखाकर पैसों की वसूली कर रहा था। जिसकी शिकायत पर चंडीगढ़ पुलिस ने अपने की विभाग के कांस्टेबल बलविंदर सिंह की जांच करके हुए उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। सेक्टर-17 थाना पुलिस ने वसूली के इस मामले में कांस्टेबल बलविंदर सिंह को गिरफतार भी कर लिया है। वह एक एनआरआई की गाड़ी में खुद ही अफीम रखकर उससे सात लाख रुपये की वसूली कर रहा था। पुलिस ने आरोपी कांस्टेबल से 40 हजार रुपये भी बरामद कर लिए हैं। वहीं, इस मामले में पुलिस ने कांस्टेबल बलविंदर की एक साथी हरिंदर कौर को भी गिरफतार किया है। वह भी इस साजिश में शामिल थी। खास बात ये है कि हरिंदर कौर पिछले छह साल से शिकायतकर्ता एनआरआई के घर पर रहती थी। वह एनआरआई की अच्छी मित्र थी, लेकिन उसी ने कांस्टेबल के साथ मिलकर पैसे ऐंठने की योजना बनाई। पुलिस ने बलविंदर और हरिंदर को जिला अदालत में पेश किया। अदालत ने पुलिस को उनका दो दिनों का रिमांड पर भेजा है। इस मामले में करण और रिया नाम की एक युवती भी आरोपी है। ये दोनों फिलहाल फरार हैं और पुलिस आरोपियों से इनके बारे में पूछताछ कर रही है।
दो मई की है घटना
सेक्टर-68 के रहने वाले जसपाल सिंह चीमा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वे अमेरिका में रहते हैं और दो मई को भारत आए थे। हरिंदर कौर पिछले छह साल से उनके घर की देखभाल कर रही थी। 18 जुलाई को वे हरिदंर के साथ अपनी गाड़ी से सेक्टर-22 की मार्केट में शॉपिंग करने गए। उन्होंने किरण सिनेमा की पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर दी। जब वे शॉपिंग कर लौटे तो रात करीब 9.40 बजे दो शखस उनके पास आए। इनमें से एक ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी जिस पर बलविंदर सिंह नाम की प्लेट लगी थी। बलविंदर ने कहा कि वे उनकी गाड़ी की तलाशी लेना चाहता है। उसने गाड़ी की तलाशी लेनी शुरू कर दी जबकि उसके साथ दूसरा शखस उनकी वीडियो बना रहा था।
केस बनाने की दी धमकी
चीमा को उन दोनों की हरकत पर कुछ शक हुआ। तभी उसने कहीं से एक काले रंग का लिफाफा निकाला और उसे फाड़ दिया। उसमें कुछ पाउडर नुमा पदार्थ निकला जिसे बलविंदर ने अफीम बताया। वह कहने लगा कि उनके खिलाफ नशा तस्करी का बड़ा केस बनेगा। वह उन्हें धमकाने लगा जबकि चीमा ने कहा कि ये पैकेट उनका नहीं है। इतने में चीमा के साथ मौजूद उनकी महिला मित्र हरिंदर ने पुलिसकर्मी से बातचीत शुरू कर दी और मौके पर अपनी एक सहेली रिया और उसके जीजा करण को मदद के लिए बुला लिया। वे कुछ देर बाद ही वहां आ गए। उन्होंने भी पुलिसकर्मी से चीमा को छोडऩे के लिए कहा। लेकिन वह केस दर्ज करने की जिद पर अड़ा रहा।
40 हजार रुपये दिए
कुछ देर बातचीत के बाद बलविंदर ने कहा कि वह उन्हें छोड़ देगा लेकिन बदले में उसने सात लाख रुपये की डिमांड की। चीमा उसकी डिमांड सुनकर हैरान रह गए। कुछ बातचीत के बाद बलविंदर तीन लाख रुपये लेने पर राजी हो गया। तभी हरिंदर कौर ने चीमा का एटीएम लिया और उसमें से 40 हजार रुपये निकालकर बलविंदर को दे दिए। बलविंदर ने बाकी के 2.60 लाख रुपये जल्द ही देने के लिए कहा और करण से कहा कि तू इनकी गारंटी ले रहा है। इसलिए तू इनका पासपोर्ट मुझे लाकर दे। अगले दिन हरिंदर कौर ने चीमा से कहा कि बलविंदर उसकी दोस्त रिया और करण को धमकाकर और पैसे मांग रहा है। तब चीमा को शक हुआ कि ये सब उनके साथ साजिश के साथ किया जा रहा है, जिसमें बलविंदर के साथ हरिंदर, रिया और करण भी मिले हुए हैं। ऐसे में चीमा ने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने उनकी शिकायत पर जांच के बाद बलविंदर और हरिंदर को गिरफतार कर लिया।
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