अब निगम ने उठाया सख्त कदम, 40 से ज्यादा डिफाल्टरों को भेजे हैं नोटिस
चंडीगढ़, 20 जून। आखिरकार वित्तीय संकट से जूझ रही चंडीगढ़ नगर निगम को सख्त कदम उठाना पड़ गया है। निगिम ने प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भरने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक चंडीगढ़ नगर निगम ने 40 से ज्यादा बड़े डिफॉल्टरों को टैक्स चुकाने के लिए नोटिस जारी किए हैं। जिन पर कुल 5 करोड़ रुपये से अधिक की बकाया राशि है। सूत्रों के मुताबिक, चंडीगढ़ में वर्ष 2004 में प्रॉपर्टी टैक्स लागू होने के बाद से अब तक करीब 200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बकाया हो चुकी है। निगम ने टैक्स की संशोधित दरों के आधार पर बकाया की नई लिस्ट तैयार की है। नगर निगम अधिनियम की धारा 138 के तहत निगम आयुक्त को यह अधिकार प्राप्त है कि वह डिफॉल्टर की संपत्ति को कुर्क, सील या नीलाम कर सकते हैं।
सरकारी विभागों को भी चेतावनी :
नगर निगम के सूत्रों के मुताबिक नोटिस मिलने के बाद डिफॉल्टरों को एक महीने का समय दिया गया है। अगर इस अवधि में टैक्स जमा नहीं किया गया तो निगम उनके मकान या दुकान को कुर्क कर सकता है। नोटिस व्यवसायिक और आवासीय दोनों तरह की संपत्तियों के मालिकों को भेजे गए हैं। अगले चरण में निगम की ओर से पंजाब, हरियाणा और यूटी प्रशासन के विभिन्न सरकारी विभागों को भी टैक्स भुगतान नहीं करने पर नोटिस भेजे जाएंगे।
जानकारी के अनुसार पंजाब यूनिवर्सिटी, पीजीआई, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज और कई अन्य सरकारी संस्थानों पर करोड़ों रुपए का टैक्स बकाया है। इनमें से कई मामलों में टैक्स भुगतान को लेकर कानूनी विवाद भी चल रहे हैं। हाल ही में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में चंडीगढ़ नगर निगम को प्रॉपर्टी टैक्स वसूली में लापरवाही के लिए फटकार लगाई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि निगम के पास टैक्स वसूली के लिए कोई प्रभावी मॉनिटरिंग सिस्टम नहीं है।
बताते हैं कि इस बीच, टैक्स भुगतान पर छूट मिलने की वजह से बीते दो महीनों में नगर निगम को रिकॉर्ड 62 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी टैक्स वसूली हुई है। जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में दोगुनी है। गौरतलब है कि प्रॉपर्टी टैक्स नगर निगम के लिए नियमित आमदनी का सबसे बड़ा स्रोत है।