चंडीगढ/यूटर्न/10 अगस्त: चंडीगढ़ लोकसभा सीट से भाजपा उंमीदवार रहे संजय टंडन ने कांग्रेस उंमीदवार मनीष तिवारी की जीत को पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी है। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की विभिन्न धाराओं के तहत हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका में टंडन ने तिवारी पर लोकसभा चुनाव के दौरान भ्रष्ट आचरण में शामिल होने का आरोप लगाया है। टंडन ने याचिका में तिवारी की जीत को रद्द करने की अपील की है। चंडीगढ़ लोककसभा सीट पर मुखय मुकाबला भाजपा प्रत्याशी संजय टंडन और इंडिया गठबंधन के उंमीदवार मनीष तिवारी के बीच ही था। हालांकि मनीष तिवारी 2504 वोटों के मामूली अंतर से चुनाव जीते थेअपनी याचिका में संजय टंडन ने कहा है कि मनीष तिवारी को पहले भी भ्रष्ट आचरण के लिए रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा फटकार लगाई गई थी। इसके बावजूद तिवारी और उनके समर्थक चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने वाली गतिविधियों में शामिल रहे। याचिका में तिवारी के चुनाव को रद्द करने और संजय टंडन को चंडीगढ़ लोकसभा सीट का विधिवत निर्वाचित सांसद घोषित करने की मांग की गई है।
तिवारी पर लगाए आरोप
याचिका में टंडन ने तिवारी सहित कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मतदाताओं को रुपयों का लालच दिया और नौकरी की गारंटी देने जैसे भ्रामक वादे किए। साथ ही, चुनाव प्रचार के दौरान राष्ट्रीय प्रतीक का दुरुपयोग किया, जो जन प्रतिनिधित्व कानून की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन है। याचिका में हाई कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 के साथ पढ़ी जाने वाली धारा 100 और धारा 101 के तहत इस तरह का भ्रष्ट आचरण उनके चुनाव को रद्द करने का आधार है।
नौ सितंबर को अगली सुनवाई
संजय टंडन के वकील चेतन मित्तल, आशु एम पुंछी और सत्यम टंडन हाई कोर्ट में मामले की पैरवी कर रहे हैं। टंडन की याचिका पर अदालत ने सात अगस्त को प्रस्ताव का नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई नौ सितंबर को होगी।
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