काम रुका है सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से, 55 हजार मकानों में नियमों की अनदेखी
चंडीगढ़, 28 जुलाई। यहां चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड द्वारा जनवरी 2023 में अधिसूचित नीड-बेस्ड पॉलिसी को लेकर अंतिम फैसला जल्द आने के आसार हैं। अब बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की अगली बैठक में यह निर्णय होना है।
जानकारी के मुताबिक यह नीति पिछले ढाई साल से लटकी हुई है और सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद इसे लागू करने पर रोक लगा दी गई थी। बताते हैं कि 3 जनवरी, 2023 को नीड-बेस्ड पॉलिसी अधिसूचित की गई थी। हालांकि हफ्ते बाद 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर एरिया रेशो बढ़ाने पर रोक लगा दी थी। चूंकि नीति पहले ही अधिसूचित हो चुकी थी, इसलिए कोर्ट के आदेश को पिछली तारीख से लागू नहीं किया जा सकता।
अब यह मामला बोर्ड की अगली बैठक में चर्चा के लिए लाया जाएगा। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की कुल 62 हजार यूनिट्स में से लगभग 55 हजार मकानों में अतिरिक्त कमरे, बंद बालकनी, कवर किए गए आंगन जैसी संरचनाओं को वायलेशन माना गया। इस नीति को लेकर सीएचबी मकानों के आवंटियों में नाराजगी है। उनके मुताबिक यह नीति पहले दी गई रियायतों को समाप्त कर उन्हें ‘वायलेशन’ घोषित कर देती है। बोर्ड ने 2010 से अब तक नीड-बेस्ड पॉलिसी में 5 बार संशोधन किए। पॉलिसी के तहत 2010, 2015 और 2016 की नीतियों में मिडिल इनकम ग्रुप डुप्लेक्स फ्लैट्स के सामने पिलर्स के साथ प्रोजेक्शन/बालकनी बनाने की अनुमति दी गई थी। हालांकि 2019 और 2023 की नीतियों में इसे वायलेशन बताया गया। इसी तरह, डुप्लेक्स फ्लैट्स के पहले माले पर ग्राउंड फ्लोर रूम की छत पर एक अतिरिक्त कमरा बनाने की अनुमति तीन बार नीतियों में दी गई, मगर सैक्टर 41-A में यह सुविधा नहीं मिली।
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