उपभोक्ता आयोग का आदेश, लखनऊ से आ रहे परिवार ने टीटीई ने लगाया था गलत जुर्माना
चंडीगढ़ 3 नवंबर। यहां जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग-टू, यूटी चंडीगढ़ ने अहम फैसला सुनाया। आयोग ने उत्तर रेलवे के अंबाला डिवीजन के डिवीजनल रेलवे मैनेजर को चंडीगढ़ के एक निवासी को 10 हजार का मुआवजा अदा करने का आदेश दिया है।
जानकारी के मुताबिक यह मामला 3 दिसंबर, 2021 की घटना से जुड़ा है। जिसमें शिकायतकर्ता को सेवा में कमी के आरोप में मुआवजा देने का निर्णय लिया गया। शिकायतकर्ता का परिवार लखनऊ से चंडीगढ़ की यात्रा कर रहा था। जिसमें कुछ सदस्यों के पास कंफर्म टिकट और कुछ के पास प्रतीक्षा सूची वाले टिकट थे। यात्रा के दौरान शिकायतकर्ता ने टीटीई को कंफर्म टिकट और प्रतीक्षा सूची वाले टिकट व्हाट्सएप के माध्यम से दिखाए। हालांकि मूल टिकट नहीं होने के कारण टीटीई ने 1300 रुपए का जुर्माना लगाया।
शिकायतकर्ता ने अनुचित व्यापार व्यवहार का आरोप लगाते हुए ब्याज सहित 1300 की वापसी, मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए मुआवजा और मुकदमे का खर्च मांगा। इस पर डिवीजनल रेलवे मैनेजर और रेल मंत्रालय ने दलील दी कि टीटीई ने नियमानुसार कार्य किया था। आयोग ने रेलवे की सेवा में कमी को स्वीकारते हुए कहा कि एक सार्वजनिक सेवा संस्था होने के नाते रेलवे को यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखना चाहिए। विशेषकर परिवार और नाबालिगों के साथ यात्रा करने वालों के मामले में यह जरुरी है। आयोग ने यह भी कहा कि टीटीई को सीटें खाली होने पर प्रतीक्षा सूची की टिकटें कंफर्म कर देनी चाहिए थीं।
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