चंडीगढ़ क्राइम डायरी विभिन्न इलाकों में दर्ज हुए कई मामले

गुरुग्राम में साइबर ठगों ने तीन लोगों को बनाया

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सेक्टर-41 में चाकू से हमलाः तीन आरोपी गिरफ्तार

संदीप सैंडी

चंडीगढ़ 13 Nov – चंडीगढ़ पुलिस ने जानबूझकर चोट पहुँचाने के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। थाना-39 पुलिस स्टेशन में यह मामला नवीन कुमार निवासी मकान नंबर 3158/8, सेक्टर-41 की शिकायत पर दर्ज किया गया है। शिकायत के अनुसार, 10 नवंबर 2025 की रात सेक्टर-41 के बुटेरला गांव स्थित पहाड़ी ढाबा के पास आरोपी सूरज, पिंटू और सिंटू ने अन्य लोगों के साथ मिलकर नवीन कुमार पर चाकू से हमला कर दिया। हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसके बाद उसे मोहाली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने मामले में धारा 118(1), 126(2), 351(3), 3(5) बीएनएस के तहत एफआईआर संख्या 136 दर्ज की है। जांच के दौरान तीनों मुख्य आरोपियों – सूरज, पिंटू और सिंटू को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है और मामले की जांच जारी है।

सेक्टर 38W और 38 के बीच सड़क 10 दिन रहेगी बंद, मरम्मत कार्य के चलते ट्रैफिक डायवर्जन लागू चंडीगढ़। इंजीनियरिंग विभाग,

चंडीगढ़ 13 Nov -यूटी चंडीगढ़ द्वारा किए जा रहे सड़क मरम्मत कार्य के कारण सेक्टर 38W और सेक्टर 38 के बीच स्थित जंक्शन नंबर 30 की मुख्य सड़क और सेक्टर 38 की ओर जाने वाली स्लिप रोड को आगामी 10 दिनों के लिए बंद किया जाएगा। यह बंदिश 13 नवंबर 2025 से 22 नवंबर 2025 तक प्रभावी रहेगी। इस अवधि के दौरान उक्त मार्ग से गुजरने वाले वाहनों को अन्य वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने नागरिकों और यात्रियों से अपील की है कि वे असुविधा से बचने के लिए अपने रूट पहले से तय करें और मरम्मत कार्य के दौरान सहयोग करें, ताकि सड़क कार्य समय पर और सुचारु रूप से पूरा किया जा सके।

चंडीगढ़ जिला अदालत ने सैक्टर-38 डी निवासी नीरज कालिया को चेक बाउंस मामले में बरी कर दिया है।

चंडीगढ़ 13 Nov -चंडीगढ़, 12 नवंबर जिला अदालत ने सैक्टर-38 डी निवासी नीरज कालिया को चेक बाउंस मामले में बरी कर दिया है। यह मामला नीगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि नीरज कालिया ने मित्रतापूर्ण ऋण लौटाने के लिए 8 लाख का चेक दिया था, जो बैंक में जमा कराने पर बाउंस हो गया। मुकदमे के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि शिकायतकर्ता ने पहले ही ?2.70 लाख की आंशिक राशि प्राप्त कर ली थी, लेकिन इस तथ्य को न तो शिकायत में और न ही आरोपी को भेजे गए कानूनी नोटिस में उल्लेख किया गया। अदालत ने माना कि शिकायतकर्ता ने मामले में महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाया है, और इस आधार पर आरोपी को बरी कर दिया। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ह्यरेखा शरद उशीर बनाम सप्तश्रृंगी महिला नागरी सहकारी पतसंस्था लिमिटेडह्ण का हवाला देते हुए कहा कि यदि कोई शिकायतकर्ता र महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाता है या विवाद से संबंधित झूठा बयान देता है, तो ऐसी शिकायत को अदालत से खारिज किया जाना चाहिए। इस मामले में अधिवक्ता पवन शर्मा और नरेश कुमार ने आरोपी नीरज कालिया की ओर से पैरवी की।

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