मकान विवाद निपटाने को मांगा था ढाई लाख कैश, एंटी करप्शन विंग ने किए थे दो आरोपी गिरफ्तार
चंडीगढ़ 26 अक्टूबर। मकान संबंधी विवाद निपटाने के लिए ढाई लाख रिश्वत मांगने के आरोपी संजीव कुमार की जमानत याचिका सीबीआई की विशेष अदालत ने खारिज कर दी। एस्टेट ऑफिस के क्लर्क संजीव और डीलिंग हैड सतपाल को सीबीआई की एंटी करप्शन विंग ने 14 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि सैक्टर-26 के फेज-टू में बापूधाम कालोनी निवासी नारायण स्वामी सीबीआई से शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि वह जिस मकान में रहते हैं, उनकी नानी का है और उनके परिवार का कई सालों से उस पर कब्जा है। नारायण ने अदालत के फैसले का हवाला देते हुए 2014 में मकान की किराया पर्ची जारी करने के लिए एस्टेट ऑफिस में दावा किया था। इस मामले में विवाद काशिलिंगम के साथ मकान के स्वामित्व को लेकर था।
शिकायत के मुताबिक 9 अक्टूबर को आरोपी सतपाल उनके घर आया। खुद को एस्टेट ऑफिस की बिल्डिंग शाखा का डीलिंग हैड बताते हुए धमकी दी कि वह अवैध रूप से मकान में रह रहे हैं। फिर 10 अक्टूबर को सतपाल ने विवाद निपटाने के लिए 2.50 लाख रुपए की मांग की। साथ ही कहा कि मामला कॉलोनी शाखा के प्रभारी संजीव देख रहे हैं। इसके बाद, सतपाल 14 अक्टूबर को एक लाख रुपए की पहली किस्त लेने बापूधाम कॉलोनी पहुंचा। जहां सीबीआई ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था। उसकी निशानदेही पर सीबीआई ने एस्टेट ऑफिस में जाकर क्लर्क संजीव कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया था। अदालत में दाखिल मामले में शिकायतकर्ता ने बताया कि वर्ष 2006 और 2013 में मकान के पक्ष में फैसले आने के बावजूद प्रशासनिक बाधाओं के चलते किराया पर्ची का मामला अटका रहा।
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