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चंडीगढ़-बद्दी रेल परियोजना, हरियाणा में 20 तो हिमाचल में 50 फीसदी निर्माण

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यह प्रोजेक्ट साल 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया

पंचकूला 15 दिसंबर। चंडीगढ़ से बद्दी के बीच 12 किलोमीटर का एलिवेटेड ट्रैक बनाने के लिए लेवलिंग का काम शुरू हो गया है। चंडीगढ़ से बद्दी तक निर्माणाधीन रेल ट्रैक का एक किलोमीटर का हिस्सा करीब 52 फीट ऊंचा होगा। ट्रैक कुछ स्थानों पर न्यूनतम 25 फीट तक ऊंचा रखा गया है।

जानकारी के मुताबिक इसका हरियाणा में करीब 20 जबकि हिमाचल में 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है। शेष काम को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। हिमाचल में 3.4 किलोमीटर क्षेत्र में पहले ही रेल पटरी का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था। हरियाणा में बद्दी से चंडीमंदिर तक बिछाई जाने वाली 25 किलोमीटर का दूसरा हिस्सा शेष बचा था। इसकी शुरुआत पिंजौर के सूरजपुर से की गई थी। यहां पटरी बिछाने के लिए अभी लेवलिंग का काम चल रहा है। यह परियोजना हिमाचल के बद्दी और संडोली तक की है। इसमें पहला पड़ाव सूरजपुर होगा, जो पिंजौर से चंडीमंदिर की तरफ पांच किलोमीटर की दूरी पर और उसके उपरांत नेशनल हाईवे पिंजौर नालागढ़ के साथ-साथ रेलमार्ग तैयार किया जा रहा है।

बताते हैं कि यह सूरजपुर के बाद धमाला, लोहगढ़, खेड़ा-टांडा, जोलूवाल, कोना, मड़ांवाला और हिमाचल के शीतलपुर में स्थित कंटेनर डिपो केंदूवाला होकर संडोली तक पहुंचेगी। इससे औद्योगिक क्षेत्र से कंटेनर निर्यात करने वाले उद्योगपतियों को राहत मिलेगी। अभी उद्यमियों को अपने कंटेनर निर्यात करने के लिए लुधियाना के कंटेनर डिपो की तरफ रुख करना पड़ता है, जिससे उन्हें महंगे परिवहन की परेशानी के साथ ही लंबा समय खर्च करना पड़ता है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 1540 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

यहां गौरतलब है कि 31 किलोमीटर परियोजना में पिंजौर के नजदीक कालकाजी मंदिर से आगे करीब 11 किलोमीटर का ट्रैक आकर्षक होगा। इस तरह के ट्रैक अक्सर मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए बनाए जाते हैं। रेल परियोजना के रेल ओवरब्रिज, एलिवेटिड ब्रिज, पटरी के लिए सिविल वर्क सहित फ्लाईओवर तैयार किए जा रहे हैं। एलिवेटिड ब्रिज बनाने का मकसद यही है कि अधिक से अधिक ग्रीन फील्ड को बचाया जा सके। इसके साथ ही कुछ रोड क्राॅसिंग को भी इसमें कवर किया जा रहा है ताकि सड़कों को बिना छेड़े ही रेलमार्ग आगे बढ़ सके। इस प्रयास से महंगी होती जमीन और पटरियों की मेंटीनेंस कॉस्ट से बचा जा सकेगा। इस तरह का ट्रैक फिलहाल अभी चंडीगढ़ व आसपास के क्षेत्रों में नहीं है।

इस ट्रैक को मजबूती देने के लिए चंडी मंदिर रेलवे स्टेशन के पास और नानकपुर में स्टेशन बनाया जा रहा है। इस परियोजना से एशिया का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र और फार्मा हब बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ 2025 तक रेल सुविधा से जुड़ जाएगा। इसका करीब 50 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। ऐसे में बद्दी के अमृतसर-कोलकाता गलियारे से जुड़ने का पूरे रीजन को फायदा होगा। यह कनेक्टिविटी औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ाने में भी सहायक होगी।

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