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महादेव एप का पार्टनर बन ‘किंग’ बना चंदर !

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देशभर में बनाया नेटवर्क बनाया चंदर अग्रवाल ने तो रडार पर आते ही ईडी ने कस दिया ‘शिकंजा’

लुधियाना 7 अक्टूबर। करीब 15 हजार करोड़ के घोटाले वाला महादेव बैटिंग-एप एक बार फिर सुर्खियों में आ गया। दरअसल सोमवार को ईडी ने जालंधर में महादेव एप के तीसरे ऑफिशियल पाटर्नर चंदर अग्रवाल के यहां रेड कर दी। लुधियाना में भी कई जगह ईडी की टीमों ने जांच की, जिसके चलते चर्चा शुरु हो गई कि इस घोटाले की आंच औद्योगिक नगरी तक पहुंच चुकी है।

सबसे बड़ा बुक्की-फाइनेंस बनकर उभरा :

खैर, जहां तक चंदर अग्रवाल का सवाल है तो इस शख्स को लेकर लोगों के बीच दिलचस्प चर्चाएं शुरु हो गई हैं। बताते हैं कि कभी यह आम नाम था, अब देश के सबसे बड़े बुक्की यानि क्रिकेट के पर सट्‌टा लगवाने वाले नामों में शुमार है। कहा तो यहां तक जाता है कि इस शख्स के पास अब बेहिसाब दौलत है। इसीलिए यह ‘करिश्माई-बंदा’ देखते-देखते कई बड़े राजनेताओं से लेकर कुछ सरकारों का फाइनेंसर भी बन गया।

पब्लिकेशन-हाउस भी बने इसके क्लाइंट :

चर्चाओं पर भरोसा करें तो चंदर अग्रवाल ने फाइनेंसर बनकर कुछ एक पब्लिकेशन हाउस को भी फाइनेंस किया। अब इस शख्स की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि यह अपनी सिक्योरिटी कंपनी तक चला रहा है। जाहिर है, दौलत और ताकत के बलबूत इस शख्स का नेटवर्क देश-दुनिया में फैला हो तो यह चर्चाएं बेवजह नहीं लगती हैं।

बैटिंग-एप के चलते मुंबई में पकड़ा था !

चर्चाओं के मुताबिक काफी साल पहले चंदर अग्रवाल को मुंबई के नामी होटल में बैटिंग-एप मामले में अरेस्ट किया गया था। चर्चा यहां तक है कि बैटिंग-एप से इस शख्स ने रोजाना बेहिसाब कमाई की। उसी दौलत को खपाने को रियल एस्टेट सैक्टर उसे सबसे बेहतर और सुरक्षित लगा। लिहाजा चंडीगढ़, न्यू चंडीगढ़, मोहाली, जीरकपुर, लुधियाना, जालंधर, अमृतसर से लेकर दिल्ली और गुड़गांव के नामी बिल्डरों को इसने फाइनेंस किया।

लुधियाना में ‘प्रोपर्टी का खेला’ कराया !

चर्चाओं के मुताबिक लुधियाना में प्रोपर्टी-बूम में चंदर की अहम भूमिका रही। खासकर साउदर्न बाइपास पर जमीनों की कीमतों में भारी उछाल आने में इस शख्स की अपरोक्ष, लेकिन महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बताते हैं कि चंद्र अग्रवाल का फिलहाल मुख्य कारोबार दो परसेंट ब्याज पर पैसा देने का है। चर्चाओं पर भरोसा करें तो अगर कहीं ईडी ने इस मामले गंभीरता से जांच कर ली तो कई सत्ताधारी राजनेता भी लपेट में आ जाएंगे।

घोटाले में डाबर ग्रुप तक आया था लपेटे में :

महादेव ऐप घोटाला पिछले साल नवंबर में चर्चा में आया था। इस मामले में ईडी ने सट्टेबाजी रैकेट के सरगना के रूप में फेमस ऐप संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल पर अब एक सहायक कंपनी के माध्यम से मैच फिक्सिंग सिंडिकेट में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। इस एप्लीकेशन का नाम ‘महादेव खिलाड़ी’ है। इस मामले में एक स्थानीय अदालत के आदेश पर महाराष्ट्र पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। इस ऐप घोटाले की आंच राजनेताओं और फिल्मी हस्तियों के बाद डाबर ग्रुप तक भी पहुंच गई थी। मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस के रडार पर डाबर ग्रुप भी आया। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक मुंबई पुलिस ने दर्ज एफआईआर में इस ग्रुप से जुड़े दो आरोपियों को शामिल किया था। हालांकि कंपनी के संचालकों ने इसका खंडन कर तर्क दिया था कि आरोपियों से उनका कोई ताल्लुक नहीं है।

बघेल का नाम जुड़ने से मिली चर्चा :

यह मुद्दा पहली बार तब जोरदारी से सुर्खियों में आया था, जब ईडी ने दावा किया कि महादेव ऐप ने कथित तौर पर छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 500 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया। तब से इस मामले में सियासी-बवाल शुरु हुआ। पीएम मोदी तक इसे लेकर विपक्षियों को घेर चुके हैं।

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