watch-tv

फंसा पेंच : पराली मामले में केंद्र सरकार ने ठुकराई पंजाब की मांग

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

सेंटर की दलील, हरियाणा की तर्ज पर पंजाब अपने बजट से किसानों को दे प्रोत्साहन, राज्य सरकार खफा

चंडीगढ़ 5 नवंबर। पंजाब को लेकर केंद्र सरकार की ओर से बड़ी जानकारी सामने आई है। पंजाब सरकार द्वारा किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए 1200 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि की मांग को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि पंजाब सरकार हरियाणा सरकार की तरह ही अपने बजट से किसानों को प्रोत्साहन दे सकती है। ताकि पराली जलाने को नियंत्रित किया जा सके। जिसके बाद पंजाब की आप सरकार ने इसकी निंदा की। आम आदमी पार्टी के सांसद मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि स्पेशल ग्रांट की डिमांड की थी, लेकिन भाजपा ने उसे रिजेक्ट कर दिया है। केंद्र की भाजपा सरकार पंजाब का कोई भी मुद्दा हो, उसमें रुकावटें डालती है। धान की लिफ्टिंग के मामले में भी केंद्र का यही रवैया है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर की खराब हवा का मुख्य कारण पराली जलना ही है। केंद्र ने हरियाणा का पक्ष लिया, लेकिन पंजाब के सकारात्मक प्रयासों को नजरंदाज कर दिया। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को पंजाब सरकार की 1200 करोड़ रुपए की मांग पर दो सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया था। पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने तब जोर देकर कहा था कि किसानों पर जुर्माना लगाने से समस्या का समाधान नहीं होगा। अधिकांश किसान छोटी जमीनों के मालिक हैं और उन्हें प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। वहीं, केंद्र को अब एक बार फिर से एक सप्ताह का निर्णय लेने का और समय दिया गया है। केंद्र के जवाब से साफ हो रहा है कि भारत सरकार पंजाब की मांग को मानने के हक में नहीं है।

यहां गौरतलब है कि केंद्र ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब सरकार का प्रस्ताव उसी प्रस्ताव की कॉपी है, जो जुलाई, 2022 में प्रस्तुत किया गया था। इसे केवल ऑपरेशनल खर्च के नाम पर फिर से पेश किया गया है। जिसमें ट्रैक्टर किराए पर लेने, डीजल, और जनशक्ति के खर्च शामिल हैं। केंद्र के अनुसार कृषि विभाग पहले से ही राज्य सरकार का समर्थन कर रहा है और किसानों को पराली प्रबंधन मशीनें खरीदने के लिए 50% सब्सिडी दी जा रही है।

केंद्र ने अपने हलफनामे में बताया कि साल 2018-19 से 2024-25 तक पंजाब राज्य को 1681.45 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता दी गई है। इस वित्तीय वर्ष में पंजाब को आवंटित 300 करोड़ रुपए में से 150 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं और राज्य के पास 250 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध है।

दूसरी तरफ, इसी साल अक्टूबर में केंद्रीय कृषि सचिव को लिखे एक पत्र में पंजाब के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने प्रस्ताव भेजा था। जिसके मुताबिक किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रति एकड़ 2,500 रुपए का प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य में धान की खेती 32 लाख हेक्टेयर भूमि पर होती है। किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए 2,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता है।

———–

 

Leave a Comment