पंजाब/यूटर्न/8 जुलाई: नोएडा में अमूल की आइसक्री में कनखजूरा निकलने वाले प्रकरण में दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला आ गया है। हाईकोर्ट में अमूल कंपनी ने अपना पक्ष रखा। इसके बाद अपने फैसले में बेंच ने शिकायतकर्ता महिला को सोशल मीडिया से वह पोस्ट हटाने का आदेश दिया, जिसमें वह आइसक्रीम से कनखजूरा निकलते हुए दिखा रही है। वहीं हाईकोर्ट ने अमूल कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें बेंच ने बताया कि अमूल कंपनी देश-दुनिया का नामी ब्रांड है। यह कंपनी अपने प्रोडक्ट को लेकर सेफटी के हाई लेवल के स्टैंडर्ड का पालन करती है। ग्राहकों की सेहत, सुरक्षा और स्वाद का खास खयाल रखना कंपनी की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। कंपनी के प्रोडक्ट प्रमाणित, इंडियन फूड सेफटी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी द्वारा मान्य हैं।
हाईकोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?
दिल्ली हाईकोर्ट ने महिला को सखत आदेश दिया। एक तो महिला को पोस्ट हटाने को कहा गया है। दूसरा आदेश यह दिया गया है कि अगले आदेश तक सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट नहीं डालेगी और न ही किसी तरह का कोई दावा करेगी। गुजरात का को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन मामले की जांच कर रहा है, जो अमूल कंपनी के प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग करता है। अमूल कंपनी ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए दावा किया है कि आइसक्रीम में कनखजूरा होने का आरोप निराधार है। कंपनी की आइसक्रीम में किसी तरह के जानवर का होना असंभव है। दूसरी ओर, महिला ने हाईकोर्ट में आकर अपना पक्ष क्लीयर नहीं किया, जबकि उसे अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया था, लेकिन वह पेश नहीं हुई। इससे लगता है कि मामले में महिला की अपनी गलती रही होगी।
जानें क्या है मामला?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर का मामला है। सेक्टर-12 में रहने वाली दीपा ने अमूल कंपनी की आइसक्रीम मंगवाई थी। उसने ब्लिंकिट से ऑनलाइन ऑर्डर करके आइसक्रीम मंगवाई, लेकिन दीपा ने अपने एक्स हैंडल पर वीडियो और तस्वीरें अपलोड करके दावा किया कि आइसक्रीम में कनखजूरा निकला है। अगर परिवार इसे खा लेता तो जान चली जाती। कनखजूरा देखकर वह घबरा गई, इसलिए उसने वीडियो बनाकर अपलोड किया है और शिकायत की। दीपा के शिकायत करने के बाद ब्लिंकिट कंपनी ने उसे रिफंड दे दिया, लेकिन अमूल कंपनी का कोई रिप्लाई नहीं आया। दीपा ने कंपनी से एक्शन न होते देख वीडियो वायरल कर दिया, जो फूड डिपार्टमेंट तक पहुंचा। विभाग की टीम घर आई और आइसक्रीम के सैंपल लेकर गई। विभाग की टीम ने ब्लिंकिट कंपनी के ऑफिस जाकर वहां अमूल के प्रोडक्ट के सैंपल भी लिए। जिसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा।
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