दोनों सूबों के सीएम सैनी और मान 10 जुलाई को कर सकते हैं बातचीत
पंजाब, हरियाणा/27 जून। कभी एक ही सूबे के दो हिस्से रहे पंजाब और हरियाणा के बीच सतलुज-यमुना लिंक नहर के जल बंटवारे का विवाद अरसे से नहीं सुलझा। करीब साढ़े चार दशक पुराने इस गंभीर विवाद को सुलझाने की मंशा से एक बार फिर केंद्र सरकार ने दोनों राज्यों को बातचीत का न्यौता दिया है।
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने हरियाणा व पंजाब के मुख्यमंत्रियों नायब सिंह सैनी और भगवंत मान को बाकायाद पत्र भेजे हैं। सूत्रों के मुताबिक, यह अहम मीटिंग 10 जुलाई को दिल्ली में हो सकती है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने यह पहल की है। हालांकि उनसे पहले मंत्री रहे गजेंद्र सिंह शेखावत के समय बातचीत विफल रही थी। अब केंद्र दोनों राज्यों के बीच मध्यस्थता के जरिए समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है।
यहां गौरतलब है कि इसी साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने फिर से पंजाब और हरियाणा को मामले को सुलझाने के लिए केंद्र के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने जल शक्ति मंत्री को इस मामले में मुख्य मध्यस्थ नियुक्त कर कहा था कि वे केवल ‘मूक दर्शक’ नहीं बने रहें। यह मामला 214 किमी लंबी एसवाईएल नहर के निर्माण से संबंधित है, जिसमें से 122 किमी पंजाब में और 92 किमी हरियाणा में बनाई जानी थी। हरियाणा ने अपना हिस्सा पूरा कर लिया, जबकि पंजाब ने 1982 में इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया। यह मामला 1981 का है, जब दोनों राज्यों के बीच जल बंटवारे पर समझौता हुआ था। जनवरी, 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाते हुए पंजाब से समझौते की शर्तों के अनुसार नहर बनाने को कहा था। हालांकि पंजाब विधानसभा ने 2004 में 1981 के समझौते को खत्म करने के लिए एक कानून पारित किया। 2004 के पंजाब के इस कानून को 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। तब से यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में अटका है। अब 13 अगस्त को अगली सुनवाई की तारीख तय है।
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