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सेंटर फॉर सोशल वर्क पंजाब यूनिवर्सिटी ने “तरंग खुशियों के संग” का आयोजन किया

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चंडीगढ़, 26 अप्रैल । सेंटर फॉर सोशल वर्क पंजाब यूनिवर्सिटी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल के संबंध में छात्रों, स्थानीय कारीगरों, स्वयं सहायता समूहों और विभिन्न अन्य स्वैच्छिक संगठनों द्वारा बनाए गए उत्पादों को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी “तरंग: खुशियों के संग” का आयोजन किया। गौरव गौड़, चेयरपर्सन, सेंटर फॉर सोशल वर्क, पंजाब यूनिवर्सिटी।

भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और पूर्व संसद सदस्य श्री सत्यपाल जैन मुख्य अतिथि थे। यूजीसी-एचआरडी केंद्र की निदेशक प्रोफेसर अंजू सूरी सम्मानित अतिथि थीं। इस अवसर पर अध्यक्षों, निदेशकों और अनुसंधान विद्वानों सहित विभिन्न संकाय सदस्यों ने भाग लिया। प्रदर्शनी का उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों के उत्थान की दिशा में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों और स्वयं सहायता समूहों के प्रयासों को बढ़ाना, उन्हें अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करना है।

गैर-सरकारी संगठनों, ट्राइसिटी और विभिन्न राज्यों के स्वयं सहायता समूहों के साथ-साथ पंजाब विश्वविद्यालय के विभागों की विशेषता वाले इस कार्यक्रम में कुल 42 स्टॉल लगे। आगंतुक इस नेक कार्य के समर्थन में आगे आये और अपनी क्षमता के अनुसार महत्वपूर्ण योगदान दिया। उपस्थित लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रिया कारीगरों के काम की सराहना को दर्शाती है।

प्रदर्शनी में कपड़े के बैग, मोमबत्तियाँ, आभूषण, घर का बना अचार, बेकरी आइटम और खाद्य स्टालों सहित उत्पादों की एक विविध श्रृंखला प्रदर्शित की गई। इसके अतिरिक्त, नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविरों और रेड क्रॉस जैसे संगठनों ने मादक द्रव्यों के सेवन जैसे मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाई, जबकि फेडरेशन ऑफ इंडियन एनिमल प्रोटेक्शन ऑर्गेनाइजेशन (एफआईएपीओ) ने पशु कल्याण के लिए जागरूकता पैदा की और लोगों को पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित करने के साथ-साथ लोगों में जिम्मेदारी की भावना पैदा करने की कोशिश की। सदस्यता के लिए.

“तरंग खुशियों के संग” पहल ने न केवल जागरूकता बढ़ाई बल्कि गैर सरकारी संगठनों के विभिन्न प्रयासों को उजागर करते हुए जनता के बीच सशक्तिकरण की भावना को भी बढ़ावा दिया। सेंटर फॉर सोशल वर्क के अध्यक्ष गौरव गौड़ ने कहा कि यह आयोजन समुदायों के लिए सहयोग और समर्थन के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जो एकता और करुणा की भावना को दर्शाता है। तरंग ने सशक्तिकरण, उत्साह, जुनून, कृतज्ञता, प्रशंसा और प्रोत्साहन की भावना से भरी सकारात्मकता की आभा बरकरार रखी।

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