जालंधर 7 मई। जालंधर में रीजनल पासपोर्ट ऑफिस में सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) की टीम ने 16 फरवरी को हुई रेड के बाद रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर अनूप सिंह और उनके साथियों की गिरफ्तारी की थी। इस मामले में मंगलवार को सीबीआई कोर्ट ने अनूप सिंह को जमानत याचिका खारिज कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार, अनूप सिंह के साथ सीबीआई ने असिस्टेंट पासपोर्ट ऑफिसर हरिओम और संजय श्रीवास्तव को भी गिरफ्तार किया था। सीबीआई की विशेष अदालत के जज राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि, शिकायतकर्ता की पोती का पासपोर्ट आरपीओ के पास लगभग 100 दिनों से लंबित था। उसे कभी इसकी आपूर्ति नहीं की गई। सीबीआई द्वारा पेश किए गए तथ्य इसका आधार हैं कि उक्त अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर अपनी पावर का दुरुपुयोग किया जा रहा था। जिससे एक बड़ा रैकेट चल रहा था। इसी रैकेट के तहत शिकायतकर्ता से आरोपियों ने 25 हजार रुपए की डिमांड की थी। जज गुप्ता ने कहा कि, ये मामला काफी गंभीर है।
पासपोर्ट जारी करने को मांगे थे 25 हजार रुपए
बता दें कि, एक व्यक्ति ने शिकायत दी थी कि हरिओम पासपोर्ट जारी करने के लिए उनसे करीब 25 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है। शिकायत के आधार पर 16 फरवरी को टीम ने रेड का समय रखा था। CBI अधिकारियों ने रिश्वत के लिए दिए जाने वाले नोटों का सीरियल नंबर नोट किया और करीब 25 हजार रुपए पीड़ित को दे दिए और कहा कि उक्त पैसा जाकर रिश्वत मांगने वाले अधिकारी को दे दे। पीड़ित ने ऐसा ही किया। उसने जाकर पैसा उक्त अधिकारी को सौंप दिया।