जांच में अनसेफ हुआ था साबित, मिली भगत के आरोप
लुधियाना 11 जनवरी : लगभग 3 वर्ष पहले 12 फरवरी 2022 को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पंचशील विहार बडेवाल की गली नंबर 3 में छापामारी कर लगभग 10 क्विंटल देसी घी के साथ रिफाइंड और अन्य सामान जप्त किया था और इसके सैंपल लेकर जांच में भेजे गए थे जो जांच में अनसेफ पाए गए विशेषज्ञों के अनुसार यह एक सगींन मामला था जिस पर फौरन कार्रवाई होनी चाहिए थी क्योंकि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट की धाराओं के अनुसार अनसेफ फूड सैंपल के मामले में लाखों रुपए जुर्माना के साथ उम्र कैद तक का प्रावधान है परंतु कथित तौर पर मिली भगत के चलते स्वास्थ विभाग द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई इसके विपरीत कुछ दिनों में उक्त जप्त किया हुआ स्टॉक गायब कर दिया गया इस सिलसिले में समाचार पत्रों में कई बार समाचार प्रकाशित हुई परंतु स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर कोई असर नहीं हुआ जिसके चलते लोगों में ऐसी चर्चाएं व्याप्त रही की स्वास्थ्य अधिकारी और मिलावटखोरों के बीच में गहरे संबंध है और यह स्टॉक मिली भगत के तहत ही गायब करवाया गया है किसी बीच कई गैर सरकारी संगठनों ने यह मामला मानव अधिकार कमिशन के साथ-साथ उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया तब जाकर एक जांच कमेटी का गठन कर उसे इस मामले की जांच का जिम्मा सोपा गया परंतु अपनी पहुंच के चलते जिला स्वास्थ्य अधिकारी और फूड सेफ्टी अफसर जांच की कार्रवाई को आगे डालते रहे लगभग 3 वर्षों बाद जब उन्हें यह इल्म हुआ कि जांच कमेटी में वह अपने पर आरोप आने से नहीं बच पाएंगे तब जाकर पुलिस में स्टॉक की चोरी का मुकदमा दर्ज कर दिया गया
थाना सराभा नगर में 9 तारीख को फूड सेफ्टी अफसर तरुण बंसल द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 201 तथा 380 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है
अब तक क्यों सोया रहा स्वास्थ्य विभाग
बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग की उच्च अधिकारियों को शिकायत भेजने के साथ-साथ पंजाब राज्य मानव अधिकार कमिशन, आरटीआई एक्ट के तहत विभिन्न समाजसेवी संगठनों द्वारा मांगी की जानकारी तथा विजिलेंस तक पहुंची शिकायत के बाद भी जांच अधिकारी जांच रिपोर्ट को फाइनल करने में हिचकिचाते रहे इसी बीच स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अपने को इस मामले में फसता देखकर पुलिस में शिकायत करना उचित समझा स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि यह एक बेहद गंभीर मामला था जिस पर समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई बल्कि आरोपियों को बचाने का पूरा मौका दिया गया और स्टॉक गायब होने के बावजूद पुलिस में मामला दर्ज करने में स्थिति को काफी समय तक टाला जाता रहा
गायब हुआ स्टॉक कहां गया, क्या बाजार में बिक गया?
इस सारे प्रकरण में यह समझा जाता है कि गायब हुआ मिलावटी देसी घी का स्टॉक बाजार में बिक गया जिससे न खाने योग मिलावटी देसी घी लोगों को खिला दिया गया और इससे सैकड़ो लोगों की सेहत से खिलवाड़ हो गया इस सारे खिलवाड़ के पीछे स्वास्थ्य विभाग की भूमिका भी संदिग्ध दिखाई देती है अब जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट में स्वास्थ्य अधिकारी इस मामले में संदिग्ध दिखने वाले अधिकारियों को कैसे तर्क देकर बचाते हैं यह जांच रिपोर्ट के आने के बाद पता चलेगा