कमेटियों और अदालतों के विरोधी फैसलों के बावजूद पंजाब में नहीं चलने दी जाएंगी गैस फैक्ट्रियां- मंजीत धनेर
चरणजीत सिंह चन्न
जगराओं, 15 सितंबर -139 दिनों से जगरांव के पास अखाड़ा गांव में दिन-रात धरने पर बैठे लोग इन जानलेवा फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। पंचायतों और ग्राम सभाओं की मंजूरी के बिना लोगों की इच्छा के खिलाफ स्थापित होने वाली इन फैक्ट्रियों को अनुमति नहीं दी जाएगी। इन बातों की अभिव्यक्ति भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंदा के प्रदेश अध्यक्ष ने आज यहां बायो गैस फैक्ट्री विरोधी संघर्ष समिति के नेतृत्व में आयोजित विशाल धरने में जिले भर से आए हजारों महिला-पुरुषों की भीड़ को संबोधित करते हुए व्यक्त की। इस समय अपने संबोधन में प्रदेश उपाध्यक्ष अमनदीप सिंह लालतो ने कहा कि अगर लोग जीरा शराब फैक्ट्री को बंद करने, मत्तेवाड़ा जंगल को बचाने और नूरपुर बेट में कॉर्क प्लांट को बंद करने के लिए लड़ सकते हैं तो ये कैंसर और बीमारी फैलाने वाली फैक्ट्रियां के खिलाफ भी लड़ सकते हैं। इस समय किसान नेता बलवंत सिंह घुदानी ने कहा कि जिस संघर्ष में बीबी माई भगो अपना कंधा लगा देते हैं वह संघर्ष स्थायी और विजयी होता है। रिवोल्यूशनरी सेंटर पंजाब के नेता कंवलजीत खन्ना ने कहा कि पंजाबियों ने मतभेदों के बावजूद साझा संघर्ष करना सीख लिया है, इसलिए जीत निश्चित है। घोल के महलकाला लोग धोल शानदार मिसाल काइम है। इस समय बोलते हुए किसान नेता जगतार सिंह देहडाका, जगरूप सिंह हसनपुर, इंद्रजीत सिंह धालीवाल, हरदीप सिंह बोपाराय, कुलविंदर सिंह मोही, तरसेम सिंह बासुवाल, रछपाल सिंह दल्ला, सरपंच चरणजीत दीन्ह भोगपुर, गुरप्रीत सिंह गुरी, सुखजीत सिंह सरपंच, बिजली कर्मचारी नेता चरणजीत सिंह सोहल, ट्रक यूनियन नेता बलदेव सिंह रसूलपुर, चंद सिंह दल्ला ने कहा कि भले ही हमें तीन साल तक संघर्ष करना पड़े, हम लड़ेंगे लेकिन पंचायत चुनाव और स्थानीय चुनाव में हम पंजाब की अक्षम सरकार के साथ मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि पंजाब के मुख्य सचिव के साथ लंबी चर्चा के बावजूद पंजाब सरकार 11 सितंबर की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं थी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के साथ दोतरफा बातचीत में लोगों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी। इस समय जगजीत सिंह कलेर, सरबजीत सिंह धुरकोट, हाकम सिंह भाटिया, बेअत सिंह बनीवाल, हाकम सिंह तुंगा हेरी, कुलदीप सिंह काउके, जसपाल सिंह काउके, बहादुर सिंह लक्खा, निर्मल सिंह भामीपुरा, चमकोर सिंह चाचराड़ी, जसविंदर सिंह भामल, मंजीत सिंह शेरपुरा, हरदेव सिंह अखाड़ा, स्वर्ण सिंह अखाड़ा, जगदेव सिंह, नन्नू गिल, दर्शन सिंह अखाड़ा मौजूद रहे।