कंबोडिया के रीम नौसैनिक अड्डे का विस्तार: चीन के सहयोग से नई सुविधाओं का उद्घाटन

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कंबोडिया के रीम नौसैनिक अड्डे का विस्तार: चीन के सहयोग से नई सुविधाओं का उद्घाटन​

चीन की सेना ने हाल ही में कंबोडिया के सिहानोकविले में रीम नौसैनिक अड्डे के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंताएँ बढ़ी हैं। कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने 5 अप्रैल 2025 को इस विस्तारित अड्डे का उद्घाटन किया, जिसमें चीन द्वारा वित्तपोषित नई सुविधाएँ शामिल हैं, जैसे बड़े जहाजों के लिए एक नया पियर और एक ड्राई डॉक।

अमेरिकी अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की है कि यह आधार चीन की सेना के लिए एक विशेष विदेशी चौकी के रूप में कार्य कर सकता है, हालांकि कंबोडियाई अधिकारियों ने इन दावों का खंडन किया है। प्रधानमंत्री मानेट ने कंबोडिया की संप्रभुता पर जोर देते हुए कहा कि उनका संविधान विदेशी सैन्य अड्डों की मेजबानी के खिलाफ है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह अड्डा सभी मित्र देशों के युद्धपोतों के लिए खुला रहेगा, जिससे विभिन्न सैन्य साझेदारियों को बढ़ावा मिलेगा।

रीम नौसैनिक अड्डे का विस्तार चीन-कंबोडिया संयुक्त समर्थन और प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के साथ हुआ है, जिसका उद्देश्य आपदा राहत और सैन्य प्रशिक्षण जैसे संयुक्त अभियानों को सुविधाजनक बनाना है। हालांकि, इस अड्डे पर चीनी सैन्य कर्मियों की उपस्थिति और पहले से मौजूद अमेरिकी निर्मित बुनियादी ढांचे को हटाने से संदेह बढ़ा है। पिछली रिपोर्टों में सुझाव दिया गया है कि चीन को इस अड्डे का दीर्घकालिक रणनीतिक उपयोग मिल सकता है, जिससे क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंताएँ बढ़ी हैं।

इसके अलावा, उपग्रह चित्रों से पता चला है कि क्यूबा में चीनी जासूसी ठिकानों का विस्तार हो रहा है, विशेष रूप से ग्वांतानामो बे में अमेरिकी नौसैनिक अड्डे के करीब एक नया स्थल विकसित किया गया है। विश्लेषकों का मानना है कि चीन इन सुविधाओं का उपयोग अमेरिकी सैन्य गतिविधियों की निगरानी और संवेदनशील संचार को इंटरसेप्ट करने के लिए कर सकता है।

इन घटनाक्रमों से क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, विशेष रूप से दक्षिण चीन सागर और ताइवान से संबंधित विवादों के संदर्भ में।

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