कलकत्ता उच्च न्यायालय ने संदेशखली में हुए यौन उत्पीड़न और भूमि पर कब्जा करने की घटनाओं की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौप दी हैं। जांच अदालत की निगरानी में होगी, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा कि न्याय और निष्पक्षता के हित में “निष्पक्ष जांच” आवश्यक है।
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सीबीआई को एक “समर्पित पोर्टल” बनाने का भी निर्देश दिया, जहां गोपनीयता सुनिश्चित करने और पीड़ितों और गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए शिकायतें दर्ज की जाएंगी।
इसके अलावा अदालत ने कहा, “इस प्रकार, समग्र परिदृश्य और इसमें शामिल तथ्यों की जटिलताओं को देखते हुए, हमारे मन में यह मानने में कोई संदेह नहीं है कि एक निष्पक्ष जांच एक ऐसी एजेंसी द्वारा की जानी आवश्यक है जिसके पास इसमें शामिल बताए गए आपराधिक पहलू की जांच करने की शक्ति हो। इसलिए इस न्यायालय की सुविचारित राय है कि न्याय और निष्पक्षता के हित में यह आवश्यक है और विभिन्न शिकायतों और आरोपों पर शीघ्र विचार करने के लिए निष्पक्ष जांच की जानी आवश्यक है। राज्य को मामले की जांच के लिए हमारे द्वारा नियुक्त की जाने वाली उक्त एजेंसी को आवश्यक सहायता प्रदान करनी होगी.”