फीको और यूसीपीएमए ने सूबे की आप सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध करते की इसे खारिज करने की मांग
लुधियाना/यूटर्न/22 जुलाई। पंजाब की आप सरकार ने फैक्टरी लाइसेंस फीस को चार गुना बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। सूबे में मौजूदा फैक्टरी लाइसेंस फीस 450 रुपये से लेकर लागू श्रेणी के अनुसार 45,000 रुपये तक है।
सरकार का प्रस्ताव शुल्क को बढ़ाकर 1600 रुपये से 1 लाख 58 हजार 300 रुपये तक करने का है। जो मौजूदा शुल्क का लगभग चार गुना बनता है। राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को लेकर उद्यमियों में रोष है। उनका तर्क है कि पहले ही इंडस्ट्री आर्थिक-संकट वाले हालात से गुजर रही है। अब यह अतिरिक्त बोझ बर्दाश्त करना मुश्किल है। इसलिए इस प्रस्ताव को रद किया जाना चाहिए।
इसे लेकर फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कॉमर्शियल ऑर्गेनाइजेशन-फीको के सदस्यों की बैठक हुई। जिसमें पंजाब सरकार के इस प्रस्ताव पर विचार विमर्श किया गया। फीको के चेयरमैन केके सेठ ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि उद्योगों पर एक के बाद एक अतिरिक्त बोझ डालकर उनको पनपने नहीं दिया जा रहा है। इस फैसले को तुरंत खारिज किया जाना चाहिए।
इसी मुद्दे पर फीको के प्रधान गुरमीत सिंह कुलार ने कहा कि प्रस्तावित शुल्क समझ नहीं आने वाला बदलाव है। पंजाब में उद्योग पहले से ही अपना वजूद बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि अन्य राज्य वहां उद्योग स्थापित करने के लिए आकर्षक पैकेज की पेशकश कर रहे हैं। पंजाब सरकार को पंजाब में मौजूदा उद्योगों को बचाने पर ध्यान देना चाहिए और इस प्रस्ताव को खारिज करना चाहिए।
यूनाइटेड साइकिल एंड पार्ट्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के चेयरमैन चरणजीत सिंह विश्वकर्मा ने कहा कि पंजाब में उद्योग पहले से ही बंदरगाहों के पास के राज्यों में औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ हैं। ऐसे में अतिरिक्त लाइसेंस शुल्क लगाने से पंजाब में उद्योग को अपना अस्तित्व बचाने के लिए नया संकट पैदा हो गया है।