स्टेट जीएसटी विभाग सुनवाई को राजी नहीं, कारोबारी गुहार लगाकर हो चुके बेहाल
लुधियाना 9 नवंबर। पंजाब में जीएसटी रिफंड को लेकर कारोबारी परेशान है। स्टेट जीएसटी ने कारोबारियों का को रिफंड देने की बजाए उसको हड़पना शुरू कर दिया है। कारोबारियों की मानें तो विभाग ने करीब पौने तीन महीने से उनकी जीएसटी रिफंड संबंधी डिटेल केन्द्र सरकार के आधिकारिक पोर्टल पर अपलोड तक नहीं की है। जिसके चलते अभी तक अकेले औद्योगिक नगरी लुधियाना के ही कारोबारियों का 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का रिफंड बकाया है।
माहिरों के मुताबिक नियमानुसार स्टेट जीएसटी विभाग को हर महीने डिटेल जारी करनी होती है। जिसमें विभाग अपने जीएसटी शेयर क्लेम के साथ ही कारोबारियों को मिलने वाले रिफंड की डिटेल जीएसटी पोर्टल पर अपलोड करता है। इसके बाद केन्द्र सरकार कारोबारियों के खाते में जीएसटी रिफंड डिपॉजिट करता है। उसके बाद ही बचने वाला जीएसटी शेयर सूबा सरकार को दिया जाता है। सूत्र बताते हैं कि विभाग अपना जीएसटी शेयर तो बराबर क्लेम कर रहा है, लेकिन कारोबारियों की रिफंड डिटेल अपडेट नहीं कर रहा है। इसी वजह से करीब पौने तीन महीने से कारोबारियों का जीएसटी रिफंड भी सरकार के खाते में ही जा रहा है। नतीजतन कारोबारी कैपिटल इंवेस्टमेंट की कमी से जूझ रहे हैं।
एक्सपर्ट व्यू—-
–टैक्सेशन एक्सपर्ट एडवोकेट हितेश गर्ग के मुताबिक दरअसल जीएसटी शेयर बढ़ाने के लिए विभाग ने पेमैंट एडवाइज व जीएसटी रिफंड अपलोड ही नहीं किया था। जिसके चलते कारोबारी लगातार परेशानी से जूझ रहे हैं। अब इस मामले में विभाग ने 90 दिन पुराने जारी करने का वादा किया है। हालांकि वह यह भी मानते हैं कि इस शर्त के साथ रिफंड के बावजूद 70 से 75 फीसदी तक केसेज पेंडिंग ही रह जाएंगे। उनका यह भी मानना है कि हकीकत में जीएसटी कानून में तमाम संशोधन के बावजूद इसकी जगह नया कानून लाए जाने की जरुरत है।
— जीएसटी एक्सपर्ट एडवोकेट ओपी भारद्वाज तो दोटूक कहते हैं कि कारोबारियों का सीधेतौर पर शोषण हो रहा है। वैट सिस्टम के तहत पहले साल में एक बार असस्मेंट होता था। अब तो जीएसटी सिस्मट में नई किस्म की अड़चनें पैदा हो गई हैं। उन्होंने इस बात को नकार दिया कि जीएसटी रिफंड को लेकर विभाग ने कोई नई राहत दी है।
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