पंजाब रोडवेज कॉन्ट्रैक्ट यूनियन ने किलोमीटर स्कीम के तहत होने वाले बस प्राइवेटाइजेशन के जोरदार विरोध में शुक्रवार सुबह 4:30 बजे से पंजाब के सभी रोडवेज डिपो बंद कर दिए। इसके चलते पूरे राज्य में बसों का चक्का जाम हो गया और लोग सुबह से ही परेशान हैं।
सरकार पर प्राइवेट ऑपरेटरों को बढ़ावा देने का आरोप
यूनियन नेताओं का कहना है कि पंजाब सरकार रोडवेज को धीरे-धीरे निजी ऑपरेटरों के हवाले करने की तैयारी कर रही है। आज किलोमीटर स्कीम के तहत बसों का प्राइवेटाइजेशन होना था, जिसे वे जनता और कर्मचारियों दोनों के खिलाफ बताते हैं।
पहले यूनियन ने दोपहर 1 बजे प्रदर्शन करने का प्लान बनाया था, लेकिन उससे पहले ही रात में कई बड़े यूनियन नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसी वजह से यूनियन ने अचानक सुबह से ही डिपो बंद करने का फैसला कर दिया।
“किलोमीटर स्कीम से विभाग को नुकसान” – जुगराज सिंह
यूनियन नेता जुगराज सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार की किलोमीटर स्कीम से विभाग को आर्थिक नुकसान हो रहा है और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स की नौकरी भी असुरक्षित होती जा रही है। उनका कहना है कि भविष्य पूरी तरह प्राइवेट कंपनियों की मर्जी पर निर्भर हो जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार नई सरकारी बसें खरीदकर रोडवेज को मजबूत करने की बजाय निजी ऑपरेटरों को फायदा पहुंचाने वाली नीतियां बना रही है। इससे सरकारी नौकरियों के मौके कम होंगे और आम लोगों को मिलने वाली सस्ती सरकारी बस सेवा भी कमजोर पड़ जाएगी।
रात की गिरफ्तारियों से यूनियन में गुस्सा
रात में नेताओं की गिरफ्तारी से कर्मचारियों में भारी गुस्सा है। यूनियन का कहना है कि सरकार ने विरोध प्रदर्शन को कमजोर करने के लिए दमनात्मक कार्रवाई की और लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाया।
इसी के विरोध में यूनियन ने सुबह से चक्का जाम कर दिया, जिससे पंजाब में रोडवेज बसें पूरी तरह बंद हैं और हजारों यात्री फंसे हुए हैं।
