बर्निंग-इश्यू : अब पराली जलाने के मामले में पंजाब सरकार ‘एक्शन-मोड’ पर, 28 किसानों की रेड एंट्री तो पांच पर केस

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एनजीटी के जवाब-तलब करने पर राज्य सरकार अलर्ट, एक्शन से खफा किसानों की यूनियन भी खोलेगी मोर्चा

लुधियाना 28 सितंबर। पराली जलाने का असर राजधानी दिल्ली की एयर-क्वालिटी भी बदतर हो चली है। इस ज्वलंत मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में ‘इमरजेंसी’ वाले हालात बताते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट को तलब कर कड़ी फटकार लगाई। दूसरी तरफ, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानि एनजीटी भी अलर्ट हो गया। ट्रिब्यूनल ने जवाब-तलब किया तो इधर, पंजाब सरकार एक्शन-मोड पर है।

रेड-एंट्री बड़ा एक्शन : जानकारी के मुताबिक पराली जलाने वाले 28 किसानों की रेड एंट्रियां की गई हैं। वहीं पांच के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई। साथ ही किसानों पर 1 लाख 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगया है। लगातार पराली जलाने से पंजाब सरकार के एक्शन प्लान पर सवाल उठ रहे हैं। लिहाजा किसानों के विरोध के बावजूद सरकार ने पराली जलाने वाले 28 किसानों की रेड एंट्रियां कर दीं। ऐसे किसान ना तो अपनी जमीन को बेच पाते हैं और ना ही इसे गिरवी रख पाते हैं। साथ ही रेड एंट्री होने पर प्रभावित किसान खेती-लोन भी नहीं ले पाते।
पीपीसीबी ने दी वॉर्निंग : पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड भी एक्टिव हो गया। उसने चेतावनी दी कि पराली जलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, आगे भी कानूनी-कार्रवाई होगी। साथ ही किसानों से अपील की कि पराली ना जलाएं, इससे हवा प्रदूषित होने के साथ खेतों की उपजाऊ शक्ति कम होती है। पीपीसीबी के मुताबिक किसानों को पराली प्रबंधन के लिए मशीनें मुहैया करा रहे हैं, वे इसका लाभ उठाएं।

अमृतसर पराली जलाने में अव्वल : बताते हैं कि शुक्रवार को पंजाब में कहीं पराली नहीं जली। अब कुल 98 केस सामने आए हैं। साल 2022 में इन दिनों तक पराली नहीं जली थी, लेकिन 2023 में 21 मामले दर्ज हुए थे। पंजाब में पराली जलाने में जिला अमृतसर 59 मामलों के साथ पहले नंबर पर है। वहीं 15 सितंबर से लेकर अब तक सात मामलों के साथ जिला गुरदासपुर दूसरे नंबर पर है। इसके अलावा तरनतारन, फिरोजपुर, जालंधर, कपूरथला, एसबीएस नगर, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला, रूपनगर, एसएएस नगर, संगरूर से मामले सामने आए।

रेड एंट्री से भाकियू भड़की :  भारतीय किसान यूनियन-एकता डकौंदा के नेता जगमोहन सिंह के मुताबिक पंजाब सरकार के रेड एंट्री वाले फैसले के खिलाफ अगले हफ्ते किसान जत्थेबंदियां बैठक करेंगी। ताकि संघर्ष के कार्यक्रम का ऐलान कर सकें। किसान सारे देश के लोगों के पेट भरते हैं, उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई गलत है। पराली की समस्या का हल डायवर्सिफिकेशन है। किसान तभी धान को छोड़कर बाकी फसलें लगाएंगे, जब इन फसलों पर धान के बराबर एमएसपी मिले और खरीद की गारंटी केंद्र की ओर से दी जाए। दूसरी तरफ साल 2024 के खरीफ सीजन के लिए सरकार ने पंजाब में हाट स्पाट रहे 663 गांवों को चिन्हित किया है। सरकार के मुताबिक बीते तीन सालों में इन गांवों के करीब 75 फीसदी हिस्से पर पराली जली थी। एक्शन प्लान के मुताबिक विभिन्न विभागों की भागीदारी से इन गांवों में एसडीएम, तहसीलदार, कलस्टर व नोडल अफसरों की निगरानी में पराली जलाने पर रोक लगाई जाएगी। वहीं सूबे के खेतीबाड़ी मंत्री गुरमीत सिंह का दावा है कि एक-दो जगह पराली जल रही है। हर जगह मशीनें पहुंच गई हैं। किसान भी समझें कि पराली नहीं जलानी। विभाग ने एक ऐप लॉन्च किया है, किसी किसान को पराली काटनी है तो वह मदद ले सकता है।

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