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देखा बजट तो गिर गया बाजार धम्म से
मारेगी पूरे साल ये सरकार धम्म से
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इनकम नहीं है फिर भी बढ़ाया है दायरा
गिरना पड़ेगा सबको बार-बार धम्म से
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बुड्ढों के लिए कोई रियायत नहीं रखी
पढ़ते रहेंगे मुफ्त का अखबार धम्म से
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बुद्धू बनाया बुद्ध के अनुयायियों को खूब
ले ली है शरण संघकी फिर यार धम्म से
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दिखता नहीं है दूर तलक रेल का बजट
कर देंगे पूरे देश को बीमार घम्म में
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@ राकेश अचल