रिश्वत-कांड चेन : लुधियाना में अब थाना डिवीजन पांच के फरार एसएचओ पर विजिलेंस ने दर्ज कर लिया केस

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होटल मालिक से 2.70 लाख रिश्वत लेने को इंस्पेक्टर ने कहा था, काबू किए एएसआई ने लगाया था यह आरोप

लुधियाना 4 अगस्त। महानगर के थाना डिवीजन पांच के चर्चित रिश्वत कांड में खाकी पर लगा दाग और गहरा हो गया। विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के आरोपी इस थाने में तैनात एएसआई चरणजीत सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे काबू किया था। अब एक महीने बाद फरार इंस्पेक्टर जगजीत सिंह नागपाल के खिलाफ भी केस दर्ज कर लिया।
जानकारी के मुताबिक यह कार्रवाई एएसआई चरणजीत सिंह के बयान पर की गई। आरोपी को 8 जुलाई को विजिलेंस ने एक होटल मालिक से 2 लाख 70 हजार रुपये की रिश्वत मांगन के मामले में गिरफ्तार किया था। आरोपी एएसआई ने पूछताछ में कहा था कि उसने इंस्पेक्टर के कहने पर रिश्वत मांगी थी। जबकि आरोपी इंस्पेक्टर जगजीत सिंह नागपाल फिलहाल तक फरार है।
बताते हैं कि जब विजिलेंस नेएएसआई को गिरफ्तार किया तो आरोपी नागपाल इसी थाने में एसएचओ पद पर तैनात था। बाद में उसका तबादला पुलिस लाइन में कर दिया गया। जैसे ही इंस्पेक्टर को पता चला कि उसे विजिलेंस गिरफ्तार कर सकती है तो वह विभाग को बिना बताए फरार हो गया। विजिलेंस ब्यूरो के एसएसपी रविंदरपाल सिंह के मुताबिक कि आरोपी इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी के लिए रेड जारी है। शक इसलिए पुख्ता हो गया कि आरोपी इंस्पेक्टर विभाग को बिना बताए ड्यूटी से गायब था। वहीं सूत्रों का कहना है कि जांच के दौरान विजिलेंस को यह भी पता चला कि इंस्पेक्टर एक आलीशान किराए के मकान में रह रहा था। जिसका महीने का किराया ही लाखों रुपये है। विजिलेंस उस मकान के मामले में भी जांच कर रही है।
ऐसे फंसे पुलिस अफसर : जवाहर नगर कैंप स्थित होटल ताज के मालिक कमलजीत आहूजा ने इस बाबत विजिलेंस से शिकायत की थी। जिस पर विजिलेंस ब्यूरो ने 2 जुलाई को एएसआई चरणजीत सिंह के खिलाफ 2.7 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में मामला दर्ज किया था। दरअसल शिकायतकर्ता का आरोप था कि एएसआई ने उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ पहले से ही थाने में दर्ज मामले में संगीन धाराएं जोड़ने की धमकी देकर उससे रिश्वत ली थी और फिर ज्यादा रिश्वत की मांग कर रहा था। जांच में आरोपी सही साबित होने पर विजिलेंस ने केस दर्ज किया तो कड़ियां जुड़ते हुए आरोपी इंस्पेक्टर भी लपेटे में आ गया।
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