होशियारपुर में बच्चे के कत्ल मामले के बाद पंजाब से यूपी और बिहार के मजदूर वापस नहीं लौटे
पंजाब, 19 सितंबर। सूबे के होशियारपुर एरिया में एक बच्चे की हत्या के बाद पंजाब से उत्तर प्रदेश और बिहार गए मजदूरों के वापस नहीं लौटे। उनके ना लौटने से किसान और खुद प्रवासी मजदूरों का नुकसान हो रहा है।
गौरतलब है कि धान के मौसम में काम करने के लिए आने वाले प्रवासी मजदूर भी नहीं आ रहे हैं। जबकि पंजाब में बारिश से फसल को भारी नुकसान हुआ था, यह नई समस्या और मुश्किल खड़ी कर गई है। यहां काबिलेजिक्र है कि पंजाब के उद्योग और बिजली मंत्री संजीव अरोड़ा ने गत दिवस राज्य के कुछ हिस्सों में प्रवासी मजदूरों के खिलाफ बढ़ रहे विरोध के बीच उनका समर्थन किया था। उन्होंने कहा, देश में कहीं भी प्रवासी मजदूरों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। हम एक लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश हैं, जहां सभी को समान अधिकार हैं। पंजाबी भी दूसरे राज्यों में काम करते हैं और अपना बिजनेस चलाते हैं। सभी हिंसक घटनाएं निंदनीय हैं और कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी, लेकिन एक घटना से डर या माहौल खराब ना हो।
अरोड़ा ने जोर देकर कहा कि कानून अपना काम करेगा। इससे पहले होशियारपुर, रोपड़, मोहाली, बठिंडा, नवांशहर और मालेरकोटला की कुछ पंचायतों ने बिना कागजात वाले प्रवासी मजदूरों के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर उन्हें गांव छोड़ने को कहा था। अरोड़ा ने उद्योगपतियों को भरोसा दिलाया कि राज्य में मजदूरों की कोई कमी नहीं होगी। इस बीच, कई किसान यूनियन, मजदूर संगठन, बुद्धिजीवी और लेखक भी प्रवासी मजदूरों के समर्थन में सामने आए हैं। किरती किसान यूनियन ने प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाने वाले अभियान का विरोध करने की अपील की है। रूपनगर के किसान नेता त्रिलोचन सिंह ने कहा, प्रवासी मजदूर पंजाब की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाते हैं।
पंजाब खेत मजदूर यूनियन और पंजाब के ग्रामीण और कृषि मजदूर संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने होशियारपुर में 5 साल के बच्चे के साथ हुए घिनौने अपराध की निंदा की। हालांकि सभी प्रवासी मजदूरों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले अभियान का विरोध करने की अपील की। 500 से अधिक बुद्धिजीवी, लेखक और कलाकार भी पंजाब के लोगों से प्रवासी मजदूरों के खिलाफ हिंसा और नफरत के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है।
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