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हरियाणा में बीजेपी का सियासी-संकट और बढ़ा आरपीआई ने मांगी दो सीट वर्ना करेगी बगावत

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आरपीआई-सुप्रीमो अठावले एनडीए के सहयोगी केंद्र में मंत्री भी हैं, हरियाणा में कर रहे घुसपैठ

चंडीगढ़ 1 सितंबर। हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा का राजनीतिक-संकट लगातार बढ़ रहा है। केंद्रीय मंत्रियों मनोहर लाल खट्टर और अमित शाह के बीच बाहरी नेताओं की एंट्री को लेकर खटपट की चर्चा है। दूसरी तरफ अब केंद्र में एनडीए की सहयोगी रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया-अठावले ने हरियाणा चुनाव को लेकर ही आंखें दिखानी शुरु कर दीं।

अगले हफ्ते आरपीआई-सुप्रीमो व केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले हरियाणा दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरे से पहले रविवार को करनाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरपीआई-अठावले के प्रदेश अध्यक्ष रवि कुंडली ने हरियाणा की 17 रिजर्व सीटों में से 2 सीटों की मांग रख दी। उन्होंने बागी-सुर में कहा कि अगर भाजपा 2 रिजर्व सीटें उन्हें नहीं देगी तो उनकी पार्टी 8 से 10 सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ेगी। कुंडली ने कहा कि उनकी पार्टी ने भाजपा से मुलाना (अंबाला) और नीलोखेड़ी (करनाल) सीट मांगी हैं। यहां उनके उम्मीदवार एनडीए के बैनर तले चुनाव लड़ सकते हैं।

कुंडली ने यह भी साफ कर दिया कि अगर बीजेपी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है तो हमारे कार्यकर्ता कम से कम 8-10 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। अगर मौका मिला तो वह नीलोखेड़ी सीट से लड़ने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी के नेता भाजपा के खिलाफ कोई प्रचार नहीं करेंगे। प्रचार के दौरान वह गठबंधन के नियमों को निभाने का प्रयास करेंगे। मंत्री रामदास अठावले के नेतृत्व में पार्टी का जनाधार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। हरियाणा में भी पार्टी मजबूत हुई है।
लोकसभा चुनाव 2024 में भी अठावले ने महाराष्ट्र से कुछ सीटों की मांग रखी थी। हालांकि सीट बंटवारे में अठावले की पार्टी की झोली में एक भी सीट नहीं आई।

गौरतलब है कि लोकसभा के चुनावी नतीजे आने के बाद अठावले भी उन नेताओं में शामिल थे, जो मंत्री पद की मांग कर रहे थे। एक भी सांसद ना होते हुए भी राज्यसभा सांसद अठावले ने लेबर मिनिस्ट्री या अल्पसंख्यक मंत्रालय दिए जाने की इच्छा जाहिर की थी। हालांकि एनडीए ने उन्हें सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया है। पिछले दिनों पंचकूला में वर्करों की मीटिंग में अमित शाह ने कहा था कि भाजपा यहां किसी की बैसाखी पर नहीं चलेगी।

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