थ्रेट होने के बावजूद कई बार विपक्षी नेताओं की
सिक्योरिटी में कटौती कर देते हैं सत्ताधारी दल
लुधियाना/10 अप्रैल। फिलहाल लोकसभा चुनाव का काउंट-डाउन के साथ ही नेताओं को हो रहे सियासी-नफे नुकसान का आंकलन भी जारी है। मसलन, किस नेता ने कौन सी पार्टी से जुड़कर क्या हासिल कर लिया या आने वाले दिनों में उनको क्या कुछ मिलेगा। इसी गहमागहमी के बीच गुरु-नगरी से अहम जानकारी सामने आई। इस लोकसभा सीट अमृतसर से भाजपा प्रत्याशी तरनजीत सिंह संधू को वाई प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी मिल गई है।
इसके साथ ही संधू फिर से वीवीआईपी श्रेणी में आ गए। वह अंबेस्डर रहते इसी श्रेणी में आते थे। केंद्र की भाजपा सरकार की ओर से अब उनको वाई प्लस श्रेणी के सीआरपीएफ का सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है। उनके भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी का उम्मीदवार बनने और फिर विशेष सुरक्षा मिलने के कयास तो पहले ही लगाए जा रहे थे। यहां काबिलेजिक्र है कि लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के एकाएक भाजपा में जाने पर यही चर्चा चली थी। अब भाजपा उम्मीदवार बिट्टू की विशेष सुरक्षा कायम है।
जानकार मानते हैं कि अगर बिट्टू कांग्रेस में ही रहते तो शायद उनकी सुरक्षा में किसी तकनीक कारण से कटौती हो सकती थी। ऐसी कई मिसालें हैं भी, जहां थ्रेट होने के बावजूद सुरक्षा में कटौती कर दी जाती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी फिर से सांसद बनने के बावजूद इसी सत्ता-प्रकोप का शिकार हुए थे। आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील रिंकू पालाबदल जालंधर से भाजपा के प्रत्याशी बने। राज्य की आप सरकार से मिली उनकी सुरक्षा में झटपट कटौती हो गई थी।
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