2025 को क्रिप्टो की चमक का साल माना जा रहा था, लेकिन हालिया आंकड़े इसके उलट कहानी दिखा रहे हैं। अमेरिकी बिटकॉइन ETF से लगातार पैसा निकल रहा है और अक्टूबर की भारी गिरावट के बाद बिटकॉइन अन्य एसेट्स के मुकाबले काफी पीछे रह गया है। गोल्ड, Nasdaq और यहां तक कि T-bills भी बेहतर रिटर्न दे रहे हैं। जिन निवेशकों ने लगभग 90,000 डॉलर के स्तर पर ETF में एंट्री की थी, वे अब सीधा नुकसान झेल रहे हैं, जिससे बाजार में डर साफ दिखाई दे रहा है।
ETF से लगातार आउटफ्लो और बाजार पर दबाव
अमेरिका के बिटकॉइन ETF में 1 अक्टूबर के बाद से लगभग हर दूसरे दिन आउटफ्लो देखने को मिला है। यह संकेत है कि बड़े निवेशक बिटकॉइन पर भरोसा खो रहे हैं। कीमत कई बार 90,000 डॉलर से नीचे फिसली है, जिससे अधिकतर ETF निवेशक नुकसान में चले गए और उन्होंने पैसा निकालना शुरू कर दिया।
लिक्विडिटी घटने से स्थिति और बिगड़ी
अक्टूबर की बड़ी गिरावट के बाद बिटकॉइन की मार्केट डेप्थ लगभग 700 मिलियन डॉलर से घटकर करीब 500 मिलियन डॉलर रह गई। लिक्विडिटी कम होने के कारण हल्की खरीद-बिक्री भी कीमत को तेजी से ऊपर-नीचे कर रही है।
अन्य एसेट्स की चमक और बिटकॉइन की कमजोरी
इस साल निवेशक सुरक्षित एसेट्स की ओर बढ़े हैं। गोल्ड 60% तक चढ़ा है, Nasdaq और T-bills भी मजबूत रहे हैं। ऐसे में बिटकॉइन, जिसे डिजिटल गोल्ड कहा जाता था, पीछे रह गया। 10 अक्टूबर को 19 बिलियन डॉलर के लेवरेज के साफ होने से गिरावट और तेज हुई।
भविष्य की दिशा
बाजार में बियर फेज़ के संकेत बढ़ रहे हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि बिटकॉइन खत्म नहीं हो रहा, लेकिन फिलहाल बाजार सतर्क और जोखिम से दूर है। लंबे समय में रिकवरी की संभावना बनी हुई है।





