बिहार विधानसभा चुनाव : कांग्रेस ने 48 उम्मीदवारों की जारी सूची में बनाना चाहा संतुलन

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जेडीयू में टिकट बंटवारे को लेकर पनपे असंतोष के बाद भाजपा के संकट-मोचक शाह मिले सीएम नितिश से

चंडीगढ़, 17 अक्टूबर। यूपी के बाद देश का राजनीतिक-भविष्य तय करने राज्य बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर माहौल पूरी तरह गर्मा चुका है। कांग्रेस अपने 48 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर चुकी है। जबकि जनता दल यूनाइटेड में टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष बना है। भाजपा के संकट-मोचक व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सीएम नीतीश कुमार से संपर्क किया।

सूची से पता चलता है कि बछवारा विस सीट से महागठबंधन के भीतर दोस्ताना मुकाबला देखने को मिलेगा। इस सीट पर वाम दलों ने पहले ही नामांकन दाखिल कर दिया है। औरंगाबाद के विधायक आनंद शंकर को फिर से चुनाव लड़ने का मौका दिया है। कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद को कदवा सीट से टिकट मिला है। हिसुआ विधायक नीतू कुमारी को फिर टिकट दिया है, जिन्होंने चेतावनी दी थी कि वह भाजपा में शामिल होना चाहती हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने भाजपा के अनिल सिंह को हराया था। इससे पहले, कुमारी ने 2015 का चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ा था और उन्हें 14,188 वोट मिले थे। ऐसी चर्चा थी कि भाजपा उनको टिकट दे सकती है, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें फिर भी उम्मीदवार बनाया।

बिहार में कांग्रेस पार्टी के लिए कठिन चुनौती बनी हुई है। इस बार भी प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज के चुनावी मैदान में उतरने से यह आसान नहीं होने वाला है। हालांकि, प्रशांत ने कहा है कि वह तेजस्वी यादव के खिलाफ राघोपुर से चुनाव नहीं लड़ेंगे, ताकि वह राज्य भर में जन सुराज के उम्मीदवार को अपनी पूरी क्षमता दे सकें। आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में है और उसकी राजनीति का आईना बिहार से आने वाले झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के बीच उसकी दिल्ली की प्रतिष्ठा है।

इस बीच जनता दल यूनाइटेड में टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष और विरोध की तेज़ आवाज़ें उठ रही थीं। लिहाजा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जिनकी हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका पर की टिप्पणी ने अटकलों को हवा दी है, लेकिन शाह ने शुक्रवार को पटना में जदयू अध्यक्ष नितिश से मुलाकात की। बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर आए शाह ने व्यस्त कार्यक्रमों से पहले केंद्रीय मंत्री और बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता भी मुलाकात की। नीतीश कुमार ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया, उनके साथ जद(यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा भी मौजूद थे।

इस चुनाव में पहली बार जद(यू) को गठबंधन में सीटों का बड़ा हिस्सा नहीं मिला है। निवर्तमान विधानसभा में 80 सीटें होने के बावजूद, भाजपा 101 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए सहमत हो गई, जो जद(यू) के 45 विधायकों के बराबर है। इस तरह, भाजपा ने ऐसे राज्य में सत्ता के खेल से बचने की कोशिश की, जहाँ पार्टी ने कभी भी अपने दम पर मुख्यमंत्री पद का दावा नहीं किया है।

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