दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI) की दौड़ नई ऊंचाइयों पर पहुंच चुकी है। इस बीच बड़ी टेक कंपनियां भारत को सबसे बड़ा अवसर मान रही हैं। भले ही भारत चिप मेकिंग या डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर में अग्रणी नहीं है, लेकिन यहां की विशाल जनसंख्या और तेजी से बढ़ता यूजर बेस कंपनियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। Google, OpenAI और Perplexity AI जैसी दिग्गज कंपनियां भारत में अपनी मौजूदगी मजबूत करने में जुटी हैं।
यूजर बेस के बल पर मजबूत भारत
भारत फिलहाल ऐआई इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में अग्रणी नहीं है, लेकिन उपयोग के लिहाज से यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन चुका है। अमेरिकी कंपनियों को यहां के यूजर बेस में बड़ा संभावित बाजार दिखाई दे रहा है। भारतीय तेजी से AI टूल्स अपना रहे हैं और रोजमर्रा के कार्यों में उनका इस्तेमाल कर रहे हैं।
फ्री में मिल रही प्रीमियम ऐआई सेवाएं
पिछले कुछ महीनों में बड़ी AI कंपनियों ने भारत में अपने प्रीमियम मॉडल्स मुफ्त में उपलब्ध कराए हैं। OpenAI ने ChatGPT Go को भारतीयों के लिए एक साल तक फ्री किया है। वहीं Google ने Gemini Pro को रिलायंस जियो के 50 करोड़ यूजर्स के लिए 18 महीने तक मुफ्त उपलब्ध कराया है। Perplexity AI भी एयरटेल के 35 करोड़ ग्राहकों को अपनी Pro सर्विस फ्री दे रही है।
ऐआई से बढ़ेगी उत्पादकता और अवसर
नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, अगले 10 वर्षों में AI भारत के अनौपचारिक कर्मचारियों की उत्पादकता तीन गुना तक बढ़ा सकता है। रिपोर्ट का अनुमान है कि इससे भारत की अर्थव्यवस्था में 2035 तक 500–600 अरब डॉलर की वृद्धि होगी।
लोग बने भारत की सबसे बड़ी ताकत
ऐआई का भविष्य केवल डेटा सेंटर और चिप्स पर नहीं, बल्कि कुशल मानव संसाधन पर निर्भर है — और भारत के पास यह ताकत मौजूद है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि असली AI क्रांति भारत में ही होगी, जहां करोड़ों लोग इस तकनीक से नई संभावनाएं गढ़ेंगे।





