आयुष्मान और हिम केयर योजना में घोटाले के मामले में आला अफसरों पर लटकी तलवार
चंडीगढ़, 6 अप्रैल। पीजीआई चंडीगढ़ में आयुष्मान और हिम केयर योजना के तहत मरीजों की दवा के नाम पर करोड़ों के घोटाले का कथित मामला सामने आया है। इस मामले में पीजीआई के जिम्मेदार कई अधिकारी तक नप सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक क्राइम ब्रांच ने पीजीआई को नोटिस भेज कर आयुष्मान और हिम केयर का पूरा रिकॉर्ड मांगा है। साथ ही पीजीआई से जवाब मांगा है कि इन दोनों विभाग में हो रहे फर्जीवाड़े पर कब कितनी शिकायतें आईं और क्या कार्रवाई की गई। यह भी पूछा है कि कैसे दोनों योजना के तहत मरीजों को दवाई दी जाती थी। कैसे पीजीआई यह सुनिश्चित करेगा कि इन योजनाओं के तहत सिर्फ लाभार्थी को ही दवाई मिलती थी। इसका रिकॉर्ड कैसे वेरिफाई होता था।
सूत्रों के अनुसार रिकॉर्ड के आधार पर क्राइम ब्रांच अगली कार्रवाई करेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय भी इस पर पीजीआई से जवाब मांग चुका है। क्राइम ब्रांच की कार्रवाई के बाद पीजीआई ने जांच शुरू कर दी है। पीजीआई से इंडेंट बुक भी गायब हो चुकी थी, जिसकी पुलिस को भी जानकारी नहीं दी गई।
आयुष्मान और हिम केयर योजना में करोड़ों के फर्जीवाड़े का खुलासा होने बाद अभी तक किसी भी बड़े अधिकारी का नाम सामने नहीं आया है। यह खुलासा भी नहीं हुआ कि आखिर किसकी मिलीभगत से फर्जीवाड़ा चल रहा था। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या करोड़ों का घोटाला किसी बड़े अधिकारी की मिलीभगत के बिना पीजीआई में सरेआम होना संभव है ? सूत्रों का कहना है कि क्राइम ब्रांच को पीजीआई की ओर से रिकॉर्ड मिलने का इंतजार है। किसी भी अधिकारी की मिलीभगत या लापरवाही पाई गई तो कार्रवाई निश्चित है।
————