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शिवा कास्टिंग मंडी गोबिंदगढ़ से जुड़े पंजाब बिजली विभाग में 5 हजार करोड़ के स्कैंडल में बड़े खुलासे

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स्कैंडल के किंगपिन ने करोड़ों की बनाई संपति, अधिकारी भी मिलकर लगा रहे सरकार को करोड़ों का चुना

लुधियाना 25 जुलाई। पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में 5 हजार करोड़ के स्कैंडल मामले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। बिजली विभाग से रिटायर्ड एसई बलदेव राज कतना की कई ऑडियो वायरल हुई है। जिसमें वह विभाग के ही अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं। जिसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आई है। इस ऑडियो से पता चला कि बिजली विभाग में हुए पांच हजार करोड़ के स्कैंडल में किंगपिन लुधियाना का रहने वाला है। उक्त किंगपिन द्वारा इन्हीं घोटालों के जरिए अपनी करोड़ों रुपए की संपति बना ली। यहां तक कि लग्जरी कारें भी खरीदी। उक्त किंगपिन ही नहीं बल्कि उसके साथ बिजली विभाग के कई अधिकारी व पूर्व अधिकारी भी शामिल हैं। इन सभी ने मिलकर कई सो करोड़ की संपतियां तक बना ली। लेकिन आज तक पंजाब सरकार व विभाग इस पर एक्शन नहीं ले सका है।

पूर्व चेयरमैन भी घोटाले में अहम किरदार
वहीं ऑडियो से पता चला कि पूर्व चेयरमैन केडी चौधरी इन घोटालों का अहम किरदार है। उसके साथ मिलीभगत करके ही लुधियाना के किंगपिन द्वारा ठगियां की जाती थी। जिसका हिस्सा पूर्व चेयरमैन समेत कई अधिकारियों को पहुंचता था। बिजली विभाग के कई उच्च अधिकारियों को इन घोटालों की जानकारी भी है, लेकिन किंगपिन की ऊंची पहुंच के चलते कोई भी अधिकारी खुलकर बोलने से कतराता है।

KD Chaudhary Ex Chairman PSPCL

 

मान सरकार को लग रहा करोड़ों का चुना
इस स्कैंडल के जरिए किंगपिन व अपने भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा हर महीने करोड़ों रुपए का हेरफेर करके पंजाब की मान सरकार को चुना लगाया जा रहा है। बेशक सीएम भगवंत मान खुद ईमानदार है, लेकिन उन्हें इस मामले से इगनोर किया जा रहा है। ताकि ठग अपनी दुकानदारी चला सके। लेकिन इस मामले में पंजाब सरकार को अहम कदम उठाने की जरुर है।

ऐसे किया जाता है करोड़ों का घोटाला
बलदेव राज कतना ने आरोप लगाया कि पहले तो अधिकारियों द्वारा फैक्ट्री मालिकों से मिलीभगत कर बिजली मीटरों में हेरफेर किया जाता है। जिस कारण बिल कम आता है। कुछ साल बीतने पर मीटर की चैकिंग की जाती है। विभाग द्वारा मीटर मालिक को करोड़ों का जुर्माना लगाकर केस को सेटलमेंट कमेटी के पास भेजा जाता है। वहां पर किंगपिन द्वारा सेटिंग करके करोड़ों रुपए का जुर्माना माफ करवा दिया जाता है। जिसमें से कुछ प्रतिशत पैसा किंगपिन और बाकी का अधिकारियों को पहुंचता है।


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