बिजली बोर्ड के रिटायर्ड एसई कतना से खपकारों के पैरोकार ने फोन पर बातचीत में हुए कई खुलासे
लुधियाना 16 जुलाई। पिछले दिनों से चल रहे मंडी गोबिंदगढ़ की शिवा कास्टिंग मिल के 10 करोड़ की बिजली स्कैम मामले में लगातार खुलासे हो रहे हैं। जिसके चलते यह मामला 10 करोड़ से बढ़कर कथित तौर पर 5 हजार करोड़ तक जा पहुंचा। अब इसी मुद्दे पर बिजली बोर्ड के रिटायर्ड सीनियर एक्सईएन बलदेव राज कतना और बिजली खपतकारों के विभागीय केस में पैरवी करने वाले एक और रिटायर अफसर की फोन पर बातचीत हुई। जिसके आडियो सामने आने पर कई अहम खुलासे हुए हैं। जिससे घपले-घोटालों के मामलों में विभागीय अफसरों की मिलीभगत के साफ संकेत मिलते हैं।
यहां काबिलेजिक्र है कि पिछले 15-20 साल से गोबिंदगढ़ की मिल वाला स्कैम बिजली विभाग में चला आ रहा है। जिसमें विभाग के आला अफसरों से लेकर निचले स्तर

के मुलाजिमों तक सरकारी-तंत्र शामिल है। इसी मुद्दे पर रिटायर्ड एसई बलदेव राज कतना ने खपतकारों के पैरोकार रिटायर अफसर से फोन पर बात की। कतना ने औपचारिक खैरियत मालूम करने के बाद कहा कि इस 5 हजार करोड़ वाले घपले में क्या कोई कार्रवाई होगी ? जवाब मिला होगी तो जिस तरह आप मामले को उठा रहे हो। कतना बोले कि आरोपी जेई काफी फेवर कर गया। अब कुछ लोगों के जरिए सिफारिशें लगवा रहा है। अभी और भी केस हैं, सीएमडी और सीएम को भी शिकायत कर दी है।
यहां काबिलेजिक्र है कि शायद खपतकारों के पैरोकार यानि उनकी वकालत करने वाले पूर्व अफसर को भी लगा कि घपले को दबाया जा सकता है। लिहाजा उन्होंने सलाह दी कि रेग्युलेटरी कमीशन से भी शिकायत करो, वो इनकी खिंचाई ज्यादा करता है। कतना ने जवाब दिया कि वहां भी कर दी, वैसे तो सारा ही तानाबाना खराब है। एक केस में जगरांव वाले अफसर ने एक्शन के लिए लिखकर दिया तो आरोपी जेई चीफ इंजीनियर के पास चला गया। खपतकारों के पैरोकार ने माना कि कई केस में ऐसा ही होता है। हम तो जायजा फीस लेते हैं, केस के मुताबिक किसी से 5 तो किसी से 10 हजार, बड़े केस में 15 हजार तक ही चार्ज करते हैं।
कतना बोले कि आरोपी अधिकारी ने चीफ इंजीनियर से कहा था कि मैं तो फ्री में केस करता हूं, फिर उसके पास इतनी कीमती गाड़ियां कहां से आईं ? खपतकारों के पैरोकार ने इस बार खुलकर जवाब तो नहीं दिया, लेकिन हां कहकर सहमति जरुर जताई। कतना ने पटियाला में तैनात रहे एक विवादित अफसर का नाम लेकर उसके बारे मालूम किया। खपतकारों के पैरोकार ने कहा कि हम लोग उस जैसे अफसर के पास नहीं जाते हैं। कतना ने फिर एक अन्य अधिकारी का नाम लेकर कहा कि वह तो पार्टी से ज्यादा पैसा लेकर आधे ही पैरोकार को देता है। खपतकारों के पैरोकार ने माना कि वह रोजाना दस केस देखता हैं। कतना हिसाब लगाते बोले कि वह अफसर तो 14 साल पहले रिटायर हो गया था, अब तक तो मोटी कमाई कर चुका होगा। इस पर खपतकारों के पैरोकार ने जवाब दिया कि उसने मुझे भी आफर किया था, अपने साथ काम करने के लिए, लेकिन मैंने तो इंकार कर दिया था।
कतना ने बातचीत में यह भी जानना चाहा कि एक्सियन स्तर के अफसर के यहां सैटिंग कैसे होती है ? खपतकारों के पैरोकार ने सुझाव दिया कि रिकॉर्ड वाले रजिस्टर की कापी मांग लो। कतना ने जवाब दिया कि अफसर वही तो दिखाने से मना करते हैं। इसी बीच खपतकारों के पैरोकार को कोई और फोन आ गया तो उसने फिर बात करने का वादा कर कॉल डिस्कनैक्ट कर दी।
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